उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए कृषि विभाग ने व्यापक कार्रवाई शुरू कर दी है। नेपाल से सटे जिलों जैसे महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच और सोनभद्र में निदेशालय के संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी तैनात किए गए हैं। अधिकारी समितियों और निजी दुकानों से सूची लेकर एक-एक बोरी खाद का सत्यापन कर रहे हैं।
जांच में सामने आया कि कुछ किसान बिना खेत के 30-40 बोरी खाद खरीद रहे थे। इस पर अधिकारियों को बॉर्डर वाले जिलों में भेजा गया। अधिकारी कालाबाजारी, तस्करी और जमाखोरी करने वालों की पहचान कर सहकारी समितियों की भी समीक्षा करेंगे। यदि कोई निर्धारित खेत से अधिक खाद खरीदता पाया गया तो उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक (उर्वरक) डॉ. आशुतोष कुमार मिश्र ने बताया कि अधिकारियों ने वितरण प्रणाली में सुधार के साथ जांच भी की है।
सीएम योगी आदित्य ने किसानों से अपील की है कि वे केवल आवश्यकता के अनुसार ही खाद लें और अनावश्यक भंडारण से बचें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए सतत प्रयास कर रही है। यूरिया की वास्तविक कीमत 2,174 रुपये प्रति बोरी है, लेकिन सब्सिडी के कारण यह किसानों को मात्र 266.50 रुपये में उपलब्ध कराई जा रही है।