पीलीभीत। बीसलपुर तहसील के रसिया खानपुर गांव में बीते 24 घंटे के भीतर बुखार से तीन लोगों की मौत ने गांव में दहशत मचा दी है। करीब 200 से अधिक लोग बुखार की चपेट में हैं और उनका इलाज चल रहा है। ग्रामीणों ने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है और घरों से बाहर निकलने में भी हिचकिचाहट दिखा रहे हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य प्रणाली मौतों को गंभीरता से नहीं ले रही, जिसकी कीमत ग्रामीणों को चुकानी पड़ रही है।
एसडीएम नागेंद्र पांडेय मंगलवार को दोपहर गांव का निरीक्षण करने पहुंचे, लेकिन स्वास्थ्य शिविर नहीं लगा देख उन्होंने नाराजगी जताई। कुछ समय बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने आयुष्मान केंद्र पर शिविर का आयोजन किया।
बाढ़ के बाद फैला संक्रमण
गांव हाल ही में आए भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में था, जिससे जलभराव और संक्रमण की स्थिति पैदा हुई। पिछले 10 दिनों में सैकड़ों लोग बुखार की चपेट में आ चुके हैं। गंभीर मरीजों को बरेली और शाहजहांपुर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। गांव में झोलाछाप चिकित्सक भी मरीजों की संख्या बढ़ने का कारण बने।
इस बीच मंगलवार को सकीना, पूती बेगम (60) और रेहान हुसैन (22) की मौत हुई। मृतकों के परिवारों ने बताया कि उनकी मृत्यु तेज बुखार से हुई। इस पर ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया।
स्वास्थ्य विभाग की भूमिका पर सवाल
एसडीएम ने स्वास्थ्य शिविर की स्थिति देखने के लिए उच्च प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया, लेकिन वहां शिविर नहीं मिला। बाद में विभाग ने शिविर लगाया। ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की जांच रिपोर्ट अक्सर नेगेटिव आती है, जबकि निजी अस्पतालों में वही रिपोर्ट पॉजिटिव आती है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक कुमार शर्मा ने कहा कि गांव में हाल ही में हुई मौतों की जांच और सैंपल संग्रह कर इलाज किया जा रहा है। जांच के बाद ही मौतों की सटीक वजह सामने आएगी।
ग्रामीणों की नाराजगी
ग्रामीणों का कहना है कि यदि स्वास्थ्य विभाग ने तीन सप्ताह पहले बुखार से हुई मौतों को गंभीरता से लिया होता, तो नए मामले और मौतें नहीं होतीं। मोहम्मद हुसैल और समीम खान ने कहा कि स्वास्थ्य टीम निष्क्रिय रही और घर-घर जाकर मरीजों का इलाज करना चाहिए। इदरीश खान ने अधिकारियों की लापरवाही को स्थिति बिगड़ने का मुख्य कारण बताया।