उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश और विभिन्न बांधों से छोड़े गए पानी के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। सरयू, केन, यमुना और चंबल नदियों का बहाव खतरे के निशान के आसपास या उससे ऊपर पहुंच चुका है। प्रभावित जिलों में अयोध्या, बांदा और इटावा प्रमुख हैं, जहां राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं और निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है।
सरयू नदी अयोध्या में चेतावनी स्तर पार कर गई
केंद्रीय जल आयोग के जूनियर इंजीनियर आकाश प्रताप सिंह के अनुसार, अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर चेतावनी सीमा से 56 सेमी ऊपर पहुंच गया है और हर तीन घंटे में दो सेंटीमीटर की वृद्धि हो रही है। प्रशासन ने कई क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है और श्रद्धालुओं को गहरे पानी से दूर रहने की सलाह दी गई है।
बांदा के कई गांवों में बाढ़ का पानी
बांदा जिले की पैलानी तहसील में केन और यमुना नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण कई गांव जलमग्न हो गए हैं। जिलाधिकारी जे. रीभा ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं। भोजन, पेयजल, जीवन रक्षक जैकेट और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं।
इटावा में चंबल और यमुना नदियों में उफान
मध्यप्रदेश के कोटा बैराज से छोड़े गए 14,000 क्यूसेक पानी के चलते इटावा जिले में चंबल और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ला ने प्रभावित गांवों का निरीक्षण कर राहत कार्यों का जायजा लिया है। प्रशासन ने नौकाएं, चिकित्सा सुविधा, पोर्टेबल शौचालय और साफ पानी जैसी व्यवस्थाएं की हैं।
औरैया में यमुना का प्रचंड रूप
कोटा बैराज से छोड़े गए तीन लाख क्यूसेक पानी ने औरैया जिले में यमुना का जलस्तर असामान्य रूप से बढ़ा दिया है। यहां अजीतमल और औरैया तहसील के लगभग एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सिकरोड़ी गांव में स्थिति सबसे गंभीर है जहां कई घर डूब गए हैं। प्रशासन प्रभावित लोगों को राशन किट वितरित कर रहा है। यमुना नदी वर्तमान में खतरे के निशान (113 मीटर) से 4.13 मीटर ऊपर यानी 117.13 मीटर पर बह रही है।
कौशांबी में कच्चा मकान ढहा, दो की मौत
कौशांबी जिले के बहादुरपुर गांव में भारी बारिश के कारण एक कच्चा मकान गिर गया, जिससे मां-बेटी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक अन्य बेटी का इलाज चल रहा है। प्रशासन ने गंगा घाटों पर कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। जलस्तर बढ़ने के कारण गंगा स्नान पर रोक लगाई गई है और स्थान पर टोंटियों और फव्वारों के जरिए स्नान की व्यवस्था की गई है।
चित्रकूट और भदोही में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर
चित्रकूट जिले की मऊ और राजापुर तहसीलों के 70 से अधिक गांव यमुना नदी के पानी से प्रभावित हैं। लोग घर छोड़कर स्कूलों में शरण ले रहे हैं। भदोही में गंगा नदी चेतावनी स्तर 80.20 मीटर को पार करते हुए 80.24 मीटर तक पहुंच गई है।
गाजीपुर में गंगा उफान पर, गांवों में घुसा पानी
गाजीपुर जिले में गंगा नदी का जलस्तर 63.980 मीटर दर्ज किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। तटवर्ती गांवों में पानी घुसने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विधायक शोएब अंसारी ने धरमपुरा और फिरोजपुर जैसे बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर हालात की जानकारी ली।
जौनपुर में भी बारिश का कहर
जौनपुर में दो घंटे की भारी बारिश के चलते ओलंदगंज, मैहर माता मंदिर गली, कलेक्ट्रेट रोड जैसे इलाकों में जलभराव हो गया है, जिससे लोगों का सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।