उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में यमुना नदी उफान पर है और इसका असर कई गांवों में भारी तबाही के रूप में देखने को मिल रहा है। बाढ़ के कारण हजारों लोग अपने घरों से बेघर होकर सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। प्रदेश सरकार की ओर से नुकसान का जायजा लेने और पीड़ितों से मिलने के लिए मंत्रियों को विभिन्न इलाकों में भेजा जा रहा है, लेकिन कुछ जनप्रतिनिधियों के बयानों ने बाढ़ पीड़ितों की पीड़ा को और बढ़ा दिया है।
भोगनीपुर में मंत्री के बयान ने बढ़ाया आक्रोश
ऐसा ही एक मामला कानपुर देहात के भोगनीपुर क्षेत्र से सामने आया, जहां प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद बाढ़ प्रभावितों से मिलने पहुंचे। वहां मौजूद लोगों ने मंत्री के सामने अपनी व्यथा रखते हुए बताया कि उनके घर पानी में डूब चुके हैं, मकान गिर गए हैं और अब रहने के लिए कोई जगह नहीं बची है। इसके जवाब में मंत्री ने कहा, “गंगा मैया अपने पुत्रों के चरण धोने आती हैं, इससे मोक्ष प्राप्त होता है।”
पीड़ितों ने जब बताया कि कई स्थानों पर तो पानी सीने तक पहुंच गया है, तब मंत्री ने जवाब दिया कि “विपक्षी लोग आप लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।” इस पर एक ग्रामीण ने धीमे स्वर में टोका कि भोगनीपुर में गंगा नहीं बल्कि यमुना नदी बहती है।
बुजुर्ग महिला की पीड़ा और जिलाध्यक्ष की प्रतिक्रिया
एक वृद्ध महिला ने मंत्री को बताया कि उसका मकान ढह चुका है और वह अब दूसरों के घरों में शरण लिए हुए है। इस पर भाजपा की कानपुर देहात जिलाध्यक्ष रेणुका सचान ने कहा, “यह तो सौभाग्य की बात है कि गंगा मैया आपको दर्शन देने आती हैं, आप भाग्यशाली हैं।” महिला ने भी पलटते हुए तंज में कहा, “तो फिर आप भी यहीं रहकर दर्शन करती रहिए।”
इस पूरी बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और मंत्री के बयानों को लेकर जनता में रोष व्याप्त है। कई नेटिज़न्स इन टिप्पणियों को पीड़ितों की पीड़ा के प्रति असंवेदनशीलता का उदाहरण बता रहे हैं।