जौनपुर (उत्तर प्रदेश)। बाहुबली छवि वाले पूर्व सांसद धनंजय सिंह को 15 साल पुराने बेलांव दोहरे हत्याकांड के बाद अब गैंगस्टर एक्ट के मामले में भी राहत मिल गई है। शुक्रवार को एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने उन्हें साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। अदालत ने इसी मामले में आरोपी बनाए गए आशुतोष जमैथा और पुनीत सिंह को भी बरी कर दिया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश (चतुर्थ) सारिक सिद्दीकी की अदालत ने सुनाया।

यह मामला वर्ष 2010 में जफराबाद थाना क्षेत्र के बेलांव घाट पर हुए दोहरे हत्याकांड से जुड़ा है। आरोप था कि टोल टैक्स को लेकर हुए विवाद में संजय निषाद और नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना में धनंजय सिंह का नाम सामने आया था और बाद में उन पर गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया था।

हालांकि, जुलाई 2025 में अदालत ने उन्हें दोहरे हत्याकांड में साक्ष्यों के अभाव में पहले ही बरी कर दिया था। अब गैंगस्टर एक्ट के प्रकरण में भी कोर्ट ने यही रुख अपनाते हुए कहा कि प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहियों से आरोप सिद्ध नहीं होते।

पुलिस ने उस समय तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक गुरदीप सिंह सरना की तहरीर पर धनंजय सिंह और अन्य के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन सुनवाई के दौरान न तो गवाहों के बयानों में कोई ठोस आधार मिला और न ही कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य। अदालत ने इसे ध्यान में रखते हुए सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।

इस फैसले के साथ ही धनंजय सिंह को एक और पुराने मुकदमे से राहत मिल गई है। अदालत का यह निर्णय जौनपुर की राजनीति और स्थानीय प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।