उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में चार होमगार्डों की ड्यूटी को लेकर एक अनोखी चर्चा सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। दावा किया गया कि पुलिस लाइन में एक बिल्ली और उसके बच्चों की देखभाल के लिए चार होमगार्डों को तैनात किया गया था। हालांकि, आगरा पुलिस ने इस दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि यह पूरी तरह से भ्रामक और झूठी सूचना है।
जानकारी के अनुसार, 30 जुलाई को आगरा पुलिस लाइन में चार होमगार्डों की ड्यूटी लगाई गई थी। बताया गया कि उन्हें निर्देश दिए गए थे कि परिसर में मौजूद एक बिल्ली और उसके बच्चों को सुरक्षित रखा जाए। एक कॉन्स्टेबल ने यह जानकारी दी थी कि यह बिल्ली एसपी ट्रैफिक अभिषेक कुमार की है, और उसकी देखभाल जरूरी है ताकि उसे अन्य जानवरों से कोई खतरा न हो।
होमगार्डों को यह भी कहा गया कि रात के समय बिल्ली को दूध, रोटी और पानी दिया जाए। ड्यूटी के बाद जब होमगार्डों को संदेह हुआ कि बिल्ली किसी अधिकारी की पालतू नहीं है, तो उनमें से एक ने अपने आधिकारिक ग्रुप में इसकी जानकारी साझा की और बिल्ली के बच्चे की तस्वीर भी भेजी। इसी के बाद मामला सामने आया।

पुलिस ने अफवाह बताकर किया खंडन
आगरा पुलिस की मीडिया सेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर इस वायरल खबर को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि बिल्ली लावारिस थी और उसका एसपी ट्रैफिक से कोई संबंध नहीं है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी पालतू जानवर की सुरक्षा हेतु कोई विशेष ड्यूटी नहीं लगाई गई थी, बल्कि केवल परिसर में मौजूद जीवों की सामान्य सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया था।
गलतफहमी का मामला बताया गया
पुलिस के अनुसार, ड्यूटी पर तैनात होमगार्डों को गलतफहमी हो गई थी, जिसकी वजह से इस मामूली निर्देश को बढ़ा-चढ़ाकर साझा किया गया। पुलिस का कहना है कि बिल्ली पुलिस लाइन परिसर में रह रही एक लावारिस जीव है और होमगार्डों को महज यह कहा गया था कि किसी तरह का नुकसान उससे या उसके बच्चों को न पहुंचे।