पाठा: बीते 20 साल पुराने गैंगस्टर एक्ट मामले में पाठा के कुख्यात और खूंखार डकैत अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया के गैंग के चार सदस्यों को शुक्रवार को कोर्ट ने 10 वर्ष की सख्त सजा और दो-दो लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। गैंग्स्टर कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश रवि दिवाकर ने 106 पन्नों का विस्तृत निर्णय सुनाया।

यह मामला 2005 में कोतवाली कर्वी में तत्कालीन प्रभारी हरिनाथ शर्मा द्वारा दर्ज कराया गया था। आरोप पत्र में गैंग लीडर ठोकिया समेत कुल 10 डकैत शामिल थे, जिनमें से पांच की मृत्यु हो चुकी थी।

22 जुलाई 2007 को ददुआ की हत्या के बाद ठोकिया ने 23 जुलाई को एसटीएफ की टीम पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें छह जवान शहीद हो गए थे। अगस्त 2008 में ठोकिया खुद भी एसटीएफ एनकाउंटर में मारा गया था।

2012 में पेश चार्जशीट में 10 आरोपियों के नाम थे। मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपी कमलेश कुमार की भी मृत्यु हो गई। शेष पांच आरोपियों में ठोकिया के भाई कलेश पटेल, चाचा नत्थू पटेल, राममिलन उपाध्याय और हीरालाल दोषसिद्ध पाए गए।

कोर्ट ने आरोपपत्र में उल्लिखित घटनाओं, जैसे दो सिपाहियों की हत्या, बगहिया नरसंहार और एसटीएफ जवानों की हत्या का उल्लेख किया। न्यायाधीश ने निर्णय में चित्रकूट क्षेत्र में डकैतों के आतंक और उनके सामाजिक प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा कि समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस की जिम्मेदारी है। फैसले में न्यायाधीश ने लिखा, “माना पुलिस है खराब, पर बिना पुलिस के चलकर देखो”, जो पुलिस व्यवस्था की अनिवार्यता को दर्शाता है।