विधवा पेंशन में फर्जीवाड़ा: बरेली में हजारों फर्जी खाते, पुरुषों को भी मिला लाभ

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से सरकारी कल्याण योजनाओं के दुरुपयोग का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ पुरुष लाभार्थी, महिला-विशेष योजनाओं जैसे विधवा पेंशन का लाभ उठा रहे हैं। इस पूरे घोटाले में बैंककर्मियों के साथ-साथ विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत भी उजागर हुई है।

यह अनियमितता जिला सहकारी बैंक की फरीदपुर शाखा में वित्तीय गड़बड़ी की जांच के दौरान सामने आई। प्रारंभिक जांच के अनुसार, लगभग ढाई से तीन हजार महिलाओं के नाम पर फर्जी तरीके से सरकारी धन जैसे वृद्धावस्था पेंशन, किसान सम्मान निधि और विधवा पेंशन खातों में ट्रांसफर किए गए हैं।

एक व्यक्ति के नाम पर कई खाते, आधार कार्डों की गड़बड़ी

बैंक के महाप्रबंधक देवेंद्र सिंह ने बताया कि कई खातों में एक से अधिक आधार कार्ड जुड़े हुए हैं, जिससे स्पष्ट है कि बैंक कर्मचारियों के साथ-साथ सरकारी विभागों के अधिकारी भी इस धांधली में शामिल हैं। यह धोखाधड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्रणाली के तहत की गई, जिसमें लाभार्थियों के खातों में सीधे राशि भेजी जाती है।

नाम पुरुषों के, लाभ महिलाओं की योजनाओं का

जांच के दौरान कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें पुरुषों ने महिला योजनाओं का लाभ उठाया। उदाहरण के तौर पर यशपाल नामक व्यक्ति के खाते में अब तक करीब 47,000 रुपये की पेंशन और अन्य सहायता राशि आई है। रविंद्र सिंह को भी हाल ही में 9,000 रुपये की विधवा पेंशन प्राप्त हुई। वहीं, मोहम्मद अनस और असमीन बेगम के नाम से जुड़े दो अलग-अलग खातों में क्रमशः 13,000 और 30,000 रुपये ट्रांसफर किए गए।

प्रशासन ने जांच की गति बढ़ाई

प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक ही नाम से कई खाते खोले गए हैं, जिनमें सरकारी योजनाओं से लाखों रुपये की राशि भेजी गई। इस गड़बड़ी में संलिप्त कर्मचारियों की भूमिका की जांच तेज़ कर दी गई है। बैंक प्रशासन ने विभागीय अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिए हैं और पूरे घोटाले की परतें खोलने की तैयारी में है।

अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या कार्रवाई केवल बैंककर्मियों तक सीमित रहेगी या योजनाओं की निगरानी में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर भी सख्त कदम उठाए जाएंगे? आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े और भी नामों के उजागर होने की संभावना जताई जा रही है।

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