संभल में कांवड़ यात्रा के दौरान लौटते कांवड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली लागू की है। कांवड़ यात्रा में शामिल जत्थों की जियो-लोकेशन ट्रैकिंग के माध्यम से पल-पल की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम की स्क्रीन पर दिखाई देगी। इससे किसी भी जत्थे के रुकने या परेशानी की स्थिति में पुलिस त्वरित सहायता भेज सकेगी।
200 से अधिक कैमरों से निगरानी, पहली बार संभल में हाईटेक ट्रैकिंग सिस्टम
उत्तर संभल के एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में लगाए गए 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे इस निगरानी प्रणाली से जुड़े हैं। कंट्रोल रूम से हर गतिविधि पर सीधी नजर रखी जा सकेगी। श्रीवास्तव के अनुसार, उत्तर प्रदेश में यह प्रणाली पहली बार संभल में लागू की गई है और भविष्य में त्योहारों के दौरान भी इसका उपयोग किया जाएगा।
कांवड़ियों के जत्थे रविवार रात से वापस लौटने शुरू हो जाएंगे और सोमवार को जलाभिषेक करेंगे। जत्थों में जिम्मेदार सदस्यों के मोबाइल की लाइव लोकेशन पुलिस को साझा की गई है, जो स्क्रीन पर रियल टाइम में दिखाई देगी। सभी प्रमुख चौराहों और संवेदनशील क्षेत्रों में लगे कैमरों से हर गतिविधि पर नज़र रखी जा रही है।
सत्यव्रत चौकी बना मुख्य कंट्रोल सेंटर, पूरे जिले में 11 निगरानी केंद्र सक्रिय
इन सभी गतिविधियों के लिए सत्यव्रत चौकी को मुख्य कंट्रोल सेंटर बनाया गया है। जिलेभर में कुल 11 कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, जहां चौबीसों घंटे पुलिसकर्मी तैनात हैं।
तकनीकी निगरानी में सीओ संभल की अहम भूमिका
संभल सर्किल के प्रभारी आईपीएस अधिकारी आलोक कुमार भाटी ने इस ट्रैकिंग प्रणाली को लागू करने में अहम योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जत्थे की लाइव लोकेशन से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सुरक्षा व्यवस्था किसी भी स्तर पर चूक न हो।
अतिसंवेदनशील क्षेत्र में सुरक्षा के विशेष बंदोबस्त
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि 24 नवंबर की घटना के बाद संभल को संवेदनशील क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया है। इसलिए इस बार अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं। पुलिस बल के अलावा, आरआरएफ और पीएसी की तैनाती भी प्रमुख स्थानों पर की गई है ताकि कांवड़ यात्रा पूरी तरह से शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो सके।