राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह में छात्रों को दी शिक्षा और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने की सीख
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हाल ही में आयोजित 47वें दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए शिक्षा के महत्व और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा दी। उन्होंने समारोह में प्रोफेसर आनंद कुमार और परिषद के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया।
राज्यपाल ने छात्रों से कहा कि शिक्षा केवल सर्टिफिकेट तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उन्हें अपने कर्तव्यों और सामाजिक जिम्मेदारियों का भी पालन करना चाहिए। उन्होंने स्वच्छता अभियान और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि स्वच्छता और शुद्ध पानी से बीमारियों को कम किया जा सकता है।
उन्होंने विद्यार्थियों को प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूक रहने और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी। राज्यपाल ने कहा कि भविष्य में छात्रों को बीमारियों और प्राकृतिक आपदाओं के समाधान के लिए रिसर्च और नवाचार में योगदान देना चाहिए।
आनंदीबेन पटेल ने महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर भी जोर दिया। उनका कहना था कि गांधी जी के मूल्य और विचार जीवन में उतारने से ही समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने छात्रों को अपने ज्ञान को साझा करने, निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करने की सीख दी।
राज्यपाल ने छात्रावास में रहने वाले छात्रों को विशेष रूप से निर्देश दिया कि उनकी पढ़ाई केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित न रहे, बल्कि उन्हें विश्वविद्यालय और आसपास के क्षेत्रों की सफाई और विकास में योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने और उन्हें अच्छे शैक्षणिक वातावरण में पढ़ाई के अवसर देने के लिए प्रयास करना जरूरी है।
आनंदीबेन पटेल ने यह भी कहा कि शिक्षा केवल व्यक्तिगत लाभ का साधन नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने का माध्यम भी है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया कि वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं और समाज में जागरूकता फैलाएं।
इस दीक्षांत समारोह में उपस्थित सभी छात्रों ने राज्यपाल के विचारों को ध्यान से सुना और उन्हें अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया। राज्यपाल ने अंत में सभी विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने की शुभकामनाएं दीं।