हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में 2 जुलाई 2024 को हुए सत्संग हादसे में 121 श्रद्धालुओं की मौत के मामले में कोर्ट ने 11 आरोपियों के खिलाफ नौ धाराओं में आरोप तय किए हैं। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-1 महेंद्र श्रीवास्तव ने बचाव पक्ष की ओर से दाखिल उन्मोचन प्रार्थना पत्र (डिस्चार्ज एप्लीकेशन) को 6 अगस्त को खारिज कर दिया। अब मामले में साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।
आरोप तय होने के साथ ही सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की विधिवत सुनवाई प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसमें गवाहों की पेशी और अन्य कानूनी कार्यवाही की जाएगी। हादसे के दौरान करीब 250 लोग घायल भी हुए थे।
आरोपपत्र और आरोपी
पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ 3200 पन्नों का आरोपपत्र अदालत में पेश किया था। आरोपियों में देव प्रकाश मधुकर, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी, मंजू यादव, राम लड़ेते, उपेंद्र सिंह, संजू कुमार, रामप्रकाश शाक्य, दुर्वेश कुमार और दलवीर सिंह शामिल हैं। आरोपपत्र में 676 लोगों को गवाह बनाया गया है। सभी आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं।
इन धाराओं में आरोप तय
- गैर इरादतन हत्या
- हत्या के प्रयास
- सार्वजनिक मार्ग बाधित करना
- सरकारी आदेश की अवहेलना
- साक्ष्य मिटाने की कोशिश
- सरकारी कर्मियों को धमकाना और चोट पहुंचाना
- आपराधिक बल का प्रयोग
- श्रद्धालुओं की संख्या छिपाकर षड्यंत्र करना
- क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा-7 (जनता में भय और आतंक फैलाना)
प्राथमिकी में क्या कहा गया था
पोरा चौकी प्रभारी ब्रजेश पांडेय की तहरीर के मुताबिक, आयोजकों ने भीड़ का सही अनुमान न देते हुए कार्यक्रम की अनुमति प्राप्त की थी। बताया गया कि करीब 2.5 लाख लोग मौके पर एकत्र हो गए थे, जबकि अनुमति कम लोगों के लिए ली गई थी। भीड़ का दबाव उस समय बढ़ गया जब सत्संग समापन के बाद सूरजपाल उर्फ भोले बाबा की गाड़ी को जाते देख श्रद्धालु धूल समेटने लगे। नीचे बैठे लोग दबने लगे और भगदड़ मच गई। घटना के दौरान भीड़ को डंडों से रोकने की कोशिश भी की गई, जिससे हालात और बिगड़ गए।
जांच आयोग ने बाबा को दी क्लीन चिट
राज्य सरकार द्वारा गठित न्यायिक जांच आयोग, जिसकी अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने की थी, ने अपनी रिपोर्ट में सूरजपाल उर्फ भोले बाबा को जिम्मेदार नहीं माना। आयोग ने पुलिस की जांच को सही बताया और भविष्य में ऐसे आयोजनों में सुरक्षा इंतजामों को लेकर कई सिफारिशें कीं।
भीड़ अनुमान पर भी रही अस्पष्टता
जांच रिपोर्ट के अनुसार आयोजकों ने 80 हजार श्रद्धालुओं के एकत्र होने की जानकारी दी थी, लेकिन स्थानीय प्रशासन को मिले इनपुट में अनुमान दो लाख तक पहुंच गया था। फिर भी मौके पर केवल 69 पुलिसकर्मी, डेढ़ सेक्शन पीएसी और सीमित सुरक्षा बल ही तैनात किए गए। अतिरिक्त 55 जवानों और एक प्लाटून पीएसी की मांग की गई थी, जो पूरी नहीं हो सकी।
राजनीतिक हलकों में मचा था हड़कंप
हादसे के बाद राज्य की राजनीति में हलचल मच गई थी। स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक, मुख्य सचिव और डीजीपी को तुरंत मौके पर भेजा गया था। अगले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं पीड़ितों से मिलने पहुंचे थे। महिला आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेखा शर्मा और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी घटनास्थल का दौरा किया था और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी।