लखनऊ: खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए धान खरीद की नई नीति जारी कर दी गई है। इस बार सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए पहली बार हाइब्रिड धान को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने का निर्णय लिया है। अब तक केवल कॉमन और ग्रेड-ए धान ही सरकारी केंद्रों पर खरीदे जाते थे।

35 प्रतिशत तक हाइब्रिड धान की सीमा
खाद्य एवं रसद विभाग की गाइडलाइन के अनुसार किसी जिले में खरीदे जाने वाले कुल धान में अधिकतम 35 प्रतिशत तक ही हाइब्रिड धान खरीदा जा सकेगा। किसी भी केंद्र पर यदि 10 प्रतिशत से अधिक हाइब्रिड धान आता है, तो जिलाधिकारी द्वारा कृषि विभाग से नमूना जांच कराई जाएगी। हाइब्रिड धान की मिलिंग अलग से नहीं होगी, बल्कि इसे कॉमन धान के साथ मिलाकर ही किया जाएगा।

MSP तय, पारदर्शिता पर जोर
सरकार ने खरीफ सीजन 2025-26 के लिए धान (कॉमन) का एमएसपी 2,369 रुपये प्रति क्विंटल और धान (ग्रेड-ए) का एमएसपी 2,389 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए किसानों की बायोमैट्रिक पहचान अनिवार्य होगी। हर किसान को प्रिंटेड पावती दी जाएगी और सभी प्रविष्टियां पोर्टल पर ऑनलाइन करनी होंगी। ऑफलाइन एंट्री मान्य नहीं होगी। धान की नीलामी दिन में दो बार खुले में होगी और पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी।

किसानों को करनी होगी घोषणा
धान बेचने पहुंचे किसानों को पंजीकरण प्रपत्र में यह स्पष्ट करना होगा कि वे हाइब्रिड किस्म का धान लाए हैं। इसके साथ बीज खरीद का बिल या संबंधित दस्तावेज दिखाना भी अनिवार्य होगा। बिना बिल के हाइब्रिड धान की खरीद नहीं होगी।

किसानों में उम्मीद और चिंता दोनों
सरकार के इस फैसले से किसानों में उत्साह देखा जा रहा है। उनका मानना है कि हाइब्रिड धान से उत्पादन अधिक होता है और अब तक सरकारी खरीद में शामिल न होने से उन्हें व्यापारियों को सस्ते दाम पर बेचना पड़ता था। अब उन्हें समर्थन मूल्य का लाभ मिलेगा। हालांकि किसान संगठनों का कहना है कि 35 प्रतिशत सीमा और बिल दिखाने की अनिवार्यता छोटे किसानों के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।