मेरठ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां रविवार को मेरठ पहुंचे, जहां एक शादी समारोह में शिरकत के दौरान उन्होंने एक बार फिर अपने दर्द का इज़हार किया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वे वर्षों से खुशियों से दूर रहे हैं और पुलिस से छिपते-छिपाते इस समारोह में शामिल होने आए हैं।

आजम खां ने व्यंग्य भरे लहजे में कहा, “पुलिस मेरे पीछे डुगडुगी और नगाड़े बजाती फिरती है।” उन्होंने बताया कि वह सिर्फ इसलिए आए हैं ताकि लोगों की खुशियों में हिस्सा ले सकें, क्योंकि लंबे समय से वे ऐसी खुशियों से वंचित रहे हैं।

जेल के दिनों का किया जिक्र
आजम खां ने जेल में बिताए अपने दिनों को याद करते हुए कहा कि जब उनकी जमानत होने वाली थी, तभी पुलिस ने नया मुकदमा दर्ज कर दिया ताकि वे जेल से बाहर न आ सकें। उन्होंने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया था और इसे अदालत की अवमानना करार दिया था।

उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने विशेष कानून के तहत उन्हें तत्काल राहत दी थी। इस बार भी सरकार ने उनके खिलाफ तीन नई धाराएं जोड़ दीं ताकि उनकी रिहाई टल सके, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद वे फिलहाल जेल से बाहर हैं।

बिहार चुनाव में प्रचार न करने पर बोले आजम
बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार न करने के सवाल पर आजम खां ने कहा कि वहां की स्थिति ‘जंगलराज’ जैसी है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री और गृह मंत्री खुद यह कह चुके हैं कि बिहार में जंगलराज है, ऐसे में मेरा वहां जाना उचित नहीं था, क्योंकि मेरे साथ कोई हादसा हो सकता था।”

सुरक्षा और आर्थिक हालात पर दी सफाई
सरकार की ओर से दी गई सुरक्षा लौटाने के सवाल पर आजम खां ने कहा कि गृह मंत्रालय या किसी भी सरकारी अधिकारी की ओर से उन्हें सुरक्षा को लेकर कोई लिखित सूचना नहीं दी गई है। उन्होंने सवाल उठाया, “मैं कैसे मान लूं कि वर्दी पहने और हथियारों से लैस लोग मेरी सुरक्षा के लिए हैं? क्यों न यह मानूं कि वे मुझे नुकसान पहुंचाने के लिए हैं?”

उन्होंने आगे कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है। उन्होंने अपना मकान और प्लॉट बेचने के लिए विज्ञापन तक दिया, लेकिन कोई खरीददार नहीं मिला। ऐसे में सुरक्षा लेने का खर्चा उठाना उनके लिए संभव नहीं है।

समाचार की झलक:
मेरठ में एक शादी समारोह के बहाने आजम खां ने एक बार फिर अपने पुराने दर्द और वर्तमान हालातों पर खुलकर बात की। उनके बयान ने न केवल राजनीतिक हलचल मचाई, बल्कि उनके व्यक्तिगत संघर्ष की झलक भी सामने रखी।