लखनऊ। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने के उद्देश्य से राष्ट्रपति ने कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2024 को अनुमति प्रदान कर दी है। इस अधिनियम को अब उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 14, सन् 2025 के रूप में अधिसूचित किया गया है और यह तीन अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो गया है।

संशोधित अधिनियम के तहत राज्य सरकार को यह अधिकार प्राप्त होगा कि वह कारखानों में कार्य के घंटे अधिकतम 12 घंटे प्रतिदिन तक निर्धारित कर सके, हालांकि साप्ताहिक कार्य अवधि 48 घंटे से अधिक नहीं होगी। साथ ही, यदि किसी कर्मकार की लिखित सहमति हो, तो उसे बिना अंतराल छह घंटे तक लगातार काम करने की अनुमति दी जा सकेगी।

अधिनियम में यह भी व्यवस्था की गई है कि किसी आपातकालीन या असाधारण कार्यभार की स्थिति में राज्य सरकार तिमाही आधार पर कार्य की अधिकतम सीमा 75 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे तक निर्धारित कर सकेगी।

संशोधन का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि अब महिला कर्मकारों को भी रात की पाली में काम करने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते वे अपनी लिखित सहमति दें और सुरक्षा तथा स्वास्थ्य से संबंधित सभी मानकों का पालन किया जाए।

इसके अतिरिक्त, यदि कोई कर्मकार निर्धारित समय से अधिक कार्य करता है, तो उसे सामान्य वेतन की दोगुनी दर से ओवरटाइम भुगतान प्राप्त होगा।

प्रमुख सचिव अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि इस संशोधन से उत्तर प्रदेश की औद्योगिक क्षमता में वृद्धि होगी और राज्य को दस खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की दिशा में मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह कानून राज्य में निवेश और उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ श्रमिकों के हितों की भी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।