इटावा में अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह का भंडाफोड़, 100 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश

इटावा पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का खुलासा करते हुए चार शातिर ठगों को बाइस ख्वाजा रोड से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चालू खाते खुलवाकर ऑनलाइन गेमिंग के जरिए भारी पैमाने पर साइबर ठगी का पैसा इन खातों में डलवाने का आरोप है। आरोपियों के मोबाइल की जांच में चीन, हांगकांग और इंडोनेशिया से जुड़े सौ करोड़ रुपये तक की ठगी की बातचीत सामने आई है। इनके कब्जे से एक इंडोनेशिया का सिम कार्ड भी बरामद हुआ है।

पुलिस, एसओजी और सर्विलांस टीम की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किए गए युवकों की पहचान यश प्रताप सिंह (बलिया), यश आर्या (झांसी), हिमांशु शर्मा (इटावा) और हिमांशु चौधरी (बुलंदशहर) के रूप में हुई है। इनके पास से छह मोबाइल फोन, एक पेन ड्राइव, कई बैंक पासबुक, चेकबुक, आधार और पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, एटीएम कार्ड, एक फर्म की मोहर, एक कार और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

फर्जी फर्म बनाकर खुलवाते थे बैंक खाते

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि साइबर ठगी के लिए बड़ी रकम के लेनदेन हेतु उन्हें चालू खातों की आवश्यकता होती थी। इसके लिए वे फर्जी फर्म या लघु उद्योग के नाम पर एमएसएमई सर्टिफिकेट तैयार करवाकर विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाते थे। इन खातों की जानकारी टेलीग्राम और व्हाट्सएप के ‘पैनल ग्रुप्स’ में भेजी जाती थी, जहां हर खाते में एक करोड़ रुपये तक के लेनदेन होते थे। बदले में गिरोह के सदस्य 3-4 फीसदी कमीशन प्राप्त करते थे।

एनडीए की तैयारी के दौरान बना अपराध का नेटवर्क

सभी आरोपी देहरादून में एनडीए की कोचिंग के दौरान एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। यहीं से उनकी संगठित आपराधिक मानसिकता विकसित हुई और जल्द अमीर बनने की लालसा ने इन्हें साइबर अपराध की ओर धकेल दिया।

स्क्रीनशॉट दिखाकर युवाओं को बनाते थे शिकार

ठगों का मकसद केवल धोखाधड़ी करना नहीं, बल्कि गेमिंग फ्रॉड को वैध गतिविधि के रूप में पेश करके आम युवाओं को इसमें शामिल करना भी था। बड़ी रकम के लेनदेन के स्क्रीनशॉट दिखाकर ये युवाओं को खाताधारक बनने के लिए राजी करते थे। इन खातों को एक विशेष एपीके फाइल डाउनलोड कराकर रीमोट एक्सेस से अपने नियंत्रण में ले लेते थे।

तीन दिन में 80 लाख की ठगी, 11 राज्यों से 32 शिकायतें

जांच में पता चला कि हिमांशु चौधरी के नाम बंधन बैंक में एक ऐसा खाता है, जिसमें मात्र तीन दिनों (25-28 मई) में करीब 80 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी हुई है। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर इस खाते के खिलाफ अब तक 11 राज्यों – उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और असम – से कुल 32 शिकायतें दर्ज की गई हैं।

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