बसपा के पूर्व नेशनल को-आर्डिनेटर जयप्रकाश सिंह पार्टी में लौट आए हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने दिल्ली में उनसे मुलाकात के बाद यह फैसला लिया। अब उन्हें पश्चिम बंगाल और उड़ीसा राज्य की जिम्मेदारी दी गई है।

मायावती ने हाल ही में अपने कुछ फैसलों को पलटते हुए पहले भतीजे आकाश आनंद और फिर समधी अशोक सिद्धार्थ को भी पार्टी में वापस लिया था। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आकाश आनंद के बसपा में सक्रिय होने के बाद अशोक सिद्धार्थ की वापसी का रास्ता साफ हुआ।

इतिहास में देखा जाए तो मायावती ने कई बार पार्टी से निष्कासित नेताओं को माफ किया और उन्हें वापस शामिल किया। कुछ दिन पहले नगीना के सांसद गिरीश चंद्र और अफजाल अंसारी, इंद्रजीत सरोज जैसे नेता भी पार्टी में लौट चुके हैं। हाल ही में पूर्व कैबिनेट मंत्री धर्मवीर अशोक और पूर्व एमएलसी एमएल तोमर को भी बसपा में वापस लाया गया।

बीते दशक में देखा जाए तो कई बड़े नेता पार्टी छोड़कर चले गए और अब वे या तो अन्य दलों में सक्रिय हैं या राजनीति से अलग हो चुके हैं।

बसपा को पिछले कुछ वर्षों में परिवारवाद के कारण नुकसान उठाना पड़ा। अशोक सिद्धार्थ को गुटबाजी के आरोप में हटाया गया था। इसी दौरान मायावती के भाई आनंद कुमार को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी, जिससे पार्टी में जिम्मेदारियों में बदलाव किया गया।

सूत्रों के अनुसार, आकाश और अशोक की वापसी के पीछे परिवार के बीच संतुलन बनाए रखने और पार्टी को नुकसान से बचाने का राजनीतिक हिसाब भी शामिल है।