कानपुर। माफिया वकील के रूप में कुख्यात अखिलेश दुबे पर आरोपों की लंबी फेहरिस्त में एक नया मामला जुड़ गया है। साकेत नगर की महिला कारोबारी ने पुलिस आयुक्त अखिल कुमार को तहरीर देकर दुबे और उसके गैंग पर रंगदारी मांगने, मारपीट, लूटपाट, होटल कब्जाने और बदनाम करने के लिए अश्लील किताबें छपवाने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं। मामले को जांच के लिए एसआईटी को सौंपा गया है।
पीड़िता ने बताया कि वर्ष 2009 में उन्होंने दो साथियों के साथ बारादेवी क्षेत्र में एक होटल लोन पर लिया था। आरोप है कि दुबे ने होटल चलाने के एवज में हर महीने दो लाख रुपये रंगदारी की मांग की। भय के कारण शुरुआती महीनों तक भुगतान किया गया, लेकिन बाद में आर्थिक तंगी के चलते यह बंद कर दिया।
जनवरी 2010 में दुबे अपने टाइपिस्ट अजय निगम और अन्य असलहाधारियों के साथ होटल पहुंचे। आरोप है कि उन्होंने कर्मचारियों को धमकाकर भगा दिया और महिला कारोबारी से मारपीट कर उनके गहने छीन लिए। इससे उनके व्यापारिक साझेदार भी पीछे हट गए।
पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि दुबे ने उन्हें बदनाम करने के लिए आपत्तिजनक और अश्लील सामग्री वाली किताबें छपवाकर वितरित करवाईं। बैंक मैनेजर ने एक बार ऐसी किताब थमाई, जिससे महिला सन्न रह गईं। इसके अलावा, दुबे और उसके गैंग ने परिवार को धमकाया और मुकदमों के जरिए भी फंसाने की कोशिश की। 31 मई 2010 को उनके विवाह के दिन किदवई नगर थाने से पेशी का नोटिस भेजा गया, जिसके चलते उन्हें डीजीपी तक गुहार लगानी पड़ी।
पीड़िता ने बताया कि 2009 से 2011 के बीच गैंग ने उनसे करीब 50 लाख रुपये वसूले और दबंगई व धमकियों के चलते उन्हें होटल बेचने पर मजबूर होना पड़ा। वर्ष 2013 तक उनका परिवार गैंग की प्रताड़ना झेलता रहा।
हाल ही में “ऑपरेशन महाकाल” की जानकारी मिलने के बाद पीड़िता को न्याय की उम्मीद जगी और उन्होंने पुलिस आयुक्त को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। अब एसआईटी मामले की गहन जांच कर रही है, और महिला को उम्मीद है कि इस बार दबंग वकील और उसके गैंग के खिलाफ ठोस कार्रवाई होगी।