मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं को मिलने वाली स्टाम्प शुल्क छूट को अब भूतपूर्व सैनिकों और दिव्यांगजनों तक बढ़ाने का फैसला किया है। गुरुवार को स्टाम्प एवं पंजीकरण विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने विभाग को कई अहम निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच जनपदों में पायलट प्रोजेक्ट के सफल अनुभवों के आधार पर अब सभी जिलों में 20 हजार रुपये से अधिक के निबंधन शुल्क के लिए ई-भुगतान अनिवार्य किया जाए।
उन्होंने कहा कि फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आधार प्रमाणीकरण की सुविधा लागू हो और प्राधिकरणों के आवंटियों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाकर सिंगल विंडो प्रणाली के जरिए ई-पंजीकरण व्यवस्था लागू की जाए। इसके अलावा, रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश दिए गए, ताकि कार्यकुशलता और सेवा की गुणवत्ता में सुधार हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टाम्प विक्रय के वैकल्पिक तरीकों पर विचार किया जाए और वेंडरों के कमीशन को तार्किक बनाया जाए। साथ ही, 10 वर्ष तक की अवधि वाले लघु एवं मध्यम वर्ग के किराएनामे पर स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क में छूट दी जाएगी।
बैठक में विभागीय मंत्री रवींद्र जायसवाल भी मौजूद रहे। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2002 से 2017 तक पंजीकृत विलेखों का 99 प्रतिशत डिजिटाइजेशन कार्य पूरा हो चुका है और अब अगले चरण की कार्रवाई जारी है। वर्तमान में 98 प्रतिशत से अधिक निबंधन कार्य ई-स्टाम्प के माध्यम से हो रहे हैं। इसके अलावा, विभिन्न जिलों में मूल्यांकन सूची का पुनरीक्षण कर विसंगतियों को दूर किया गया है और उप-पंजीकरण कार्यालयों में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं।