बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस निर्णय का विरोध किया है, जिसमें राज्य के मदरसों की जांच एटीएस के माध्यम से कराने की बात कही गई थी। मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि मदरसे पहले ही अल्पसंख्यक विभाग के अधीन काम कर रहे हैं और इनकी अलग-अलग वर्षों में तीन बार जांच की जा चुकी है।

मौलाना रजवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी मदरसे अल्पसंख्यक विभाग और मदरसा एजुकेशन बोर्ड के मातहत संचालित होते हैं। एटीएस का काम आपराधिक मामलों तक सीमित है, जबकि शिक्षा से जुड़े मामलों में इसकी भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को जांच करानी है, तो इसे अल्पसंख्यक विभाग के जरिए कराया जाना चाहिए। मुस्लिम जमात इस प्रक्रिया में पूरी तरह सहयोग करने के लिए तैयार है।

इसके साथ ही मौलाना ने महंत राजूदास के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत का विभाजन 1947 में हो चुका है और दोबारा बंटवारे की बात करना समाज और देश के लिए हानिकारक है। मौलाना ने महंत से पूछा कि यदि मुसलमानों को देश से बाहर भेजने की बात की जा रही है, तो इतने बड़े समुदाय को कौन से देश में भेजा जाएगा। भारत में करीब 30 करोड़ मुसलमान हैं, इतनी संख्या किसी भी देश में स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें अखंड भारत के सपने को भी असंभव बना देती हैं।