मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 4 सितंबर 2022 को गठित एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने तीन वर्षों में नशे के कारोबार पर करारी चोट की है। एएनटीएफ की आठ ऑपरेशनल यूनिट्स — मेरठ, आगरा, बरेली, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर — तथा छह सक्रिय थाने — बाराबंकी, गोरखपुर, मेरठ, सहारनपुर, झांसी और गाजीपुर — लगातार अभियानों में सक्रिय हैं।

आईजी कानून-व्यवस्था एल.आर. कुमार ने बताया कि गठन के बाद से अब तक 303 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इस अवधि में पुलिस ने कुल 34,478 किलो अवैध मादक पदार्थ बरामद किए हैं, जिनमें 11.67 किलो मारफीन, 54.81 किलो हेरोइन/स्मैक, 201 किलो चरस, 168 किलो अफीम, 15,096 किलो डोडा (पोस्ता), 18,938 किलो गांजा, 5.48 किलो मेफेड्रोन और 2.07 किलो कोकीन शामिल हैं।

अब तक 863 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है। साथ ही, 27 मामलों में 30 आरोपियों की लगभग 4.66 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की गई हैं।

राज्य के सभी जिलों और कमिश्नरेटों में ‘ड्रम्स डिस्पोजल कमेटी’ का गठन कर मादक पदार्थों के निस्तारण की प्रक्रिया तेज की गई है। वर्ष 2023 में 1,03,247 किलो, वर्ष 2024 में 51,397 किलो, और वर्ष 2025 में अब तक 1,06,614 किलो नशीले पदार्थ नष्ट किए जा चुके हैं।

एएनटीएफ की इन कार्रवाइयों को देखते हुए माना जा रहा है कि सरकार नशे के कारोबार को पूरी तरह समाप्त करने के लक्ष्य की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।