उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रठौड़ा गांव में 24 वर्षीय मनीषा ने घरेलू उत्पीड़न और तलाक के दबाव से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार देर रात उसने कीटनाशक का सेवन कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। बुधवार सुबह उसका शव कमरे में पड़ा मिला, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की।
परिजनों के अनुसार, मनीषा की शादी वर्ष 2023 में गाजियाबाद जिले के सिद्धिपुर निवासी युवक से हुई थी। शुरुआत में सब ठीक रहा, लेकिन पांच महीने बाद ससुराल पक्ष ने दहेज में थार गाड़ी और बड़ी रकम की मांग करनी शुरू कर दी। मनीषा के पिता तेजवीर ने बताया कि दहेज न देने पर बेटी के साथ मारपीट हुई और जबरन उसका गर्भपात भी कराया गया।
जुलाई 2024 में परिजन उसे मायके ले आए थे। हाल ही में दोनों पक्षों में पंचायत हुई, जिसमें तलाक पर सहमति बनी। जब मनीषा से कागजों पर हस्ताक्षर करने को कहा गया, तो उसने मना कर दिया और मानसिक रूप से टूटती चली गई।
मंगलवार रात मनीषा ने कीटनाशक निगल लिया। उससे पहले उसने अपने हाथ-पैर पर सुसाइड नोट लिखा, जिसमें पति, सास, ससुर और देवरों को जिम्मेदार ठहराया। नोट में उसने पति द्वारा बंद कमरे में भूखा रखने और गर्भपात कराने जैसी पीड़ादायक बातें भी लिखीं।
परिजनों का आरोप: दो पंचायतें भी नहीं रोक सकीं उत्पीड़न
मनीषा के भाई विवेक ने बताया कि शादी में दहेज के रूप में बुलेट बाइक दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी ससुरालवालों की मांगें बढ़ती रहीं। पंचायतें होने के बावजूद उत्पीड़न नहीं रुका।
पुलिस जांच में जुटी
एसपी सूरज कुमार राय ने बताया कि मनीषा के शरीर पर लिखे सुसाइड नोट और परिजनों की शिकायत के आधार पर मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।