टीवी डिबेट के बाद मौलाना रशीदी पर थप्पड़: सपा नेता ने वीडियो जारी कर बताई वजह

नोएडा के सेक्टर-126 थाना क्षेत्र स्थित एक निजी न्यूज चैनल के स्टूडियो में उस समय अफरातफरी मच गई जब समाजवादी पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं ने डिबेट शो के बाद ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी को थप्पड़ जड़ दिया। यह घटनाक्रम उस वक्त हुआ जब मौलाना ने सपा सांसद डिंपल यादव के मस्जिद दौरे को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, हालांकि इसकी पुष्टि स्वतंत्र रूप से नहीं की जा सकी है।

कौन हैं रशीदी को थप्पड़ मारने वाले कार्यकर्ता?
बताया गया कि डिबेट में शामिल होने पहुंचे मौलाना रशीदी के साथ स्टूडियो में समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश सचिव कुलदीप भाटी भी मौजूद थे। डिबेट समाप्त होने के बाद कुलदीप अपने साथियों के साथ मौलाना के पास पहुंचे और उन पर हाथ उठा दिया। इसके बाद स्टूडियो में हड़कंप मच गया। घटना के कुछ समय बाद कुलदीप भाटी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि डिंपल यादव पर बार-बार आपत्तिजनक बयान देने वाले मौलाना को सबक सिखाया गया है और भविष्य में भी इसी तरह जवाब दिया जाएगा।

विवाद की जड़ क्या है?
टीवी डिबेट के दौरान मौलाना रशीदी ने सपा सांसद डिंपल यादव के मस्जिद में उपस्थित होने के दौरान उनके पहनावे पर टिप्पणी की थी। उनका कहना था कि डिंपल यादव ने सिर ढके बिना मस्जिद में बैठक की, जो इस्लामी रीति-रिवाजों के खिलाफ है। इस टिप्पणी ने सपा समर्थकों में रोष उत्पन्न कर दिया।

मौलाना के खिलाफ लखनऊ में पहले से दर्ज है मामला
गौरतलब है कि लखनऊ के विभूतिखंड थाने में मौलाना रशीदी के खिलाफ पहले ही भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज है। यह एफआईआर सपा नेता प्रवेश यादव की शिकायत पर दर्ज की गई थी। ताजा विवाद के बाद सियासी गलियारों में बयानबाजी तेज हो गई है। बीजेपी ने इस मुद्दे को महिला अपमान से जोड़ा है, जबकि सपा ने इसे सोची-समझी साजिश बताया है। डिंपल यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा को मणिपुर जैसे मुद्दों पर भी उतना ही संजीदगी से बोलना चाहिए। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और मौलाना अपने बयान पर कायम हैं।

पसमांदा समाज ने मौलाना की टिप्पणी को बताया शर्मनाक
पसमांदा मुस्लिम समाज ने मौलाना रशीदी की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने कहा कि यह बयान न सिर्फ इस्लामी मूल्यों का उल्लंघन है बल्कि महिलाओं के प्रति घोर अपमानजनक भी है। उन्होंने रशीदी को ‘सियासी एजेंडा चलाने वाला दलाल’ बताते हुए उनके सामाजिक बहिष्कार की मांग की। अनीस मंसूरी ने कहा कि मौलाना रशीदी धार्मिक आवरण के पीछे कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देते हैं और टीवी चैनलों पर पूर्व निर्धारित स्क्रिप्ट पढ़ते हैं।

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