राजधानी लखनऊ में रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यभर के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें आगामी गतिविधियों को लेकर निर्देश दिए। मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गांव-गांव तक फैले लाखों लोगों ने राज्य की सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करने के लिए अपनी पूरी शक्ति, उत्साह और समर्पण दिखाया। उनका कहना था कि अन्य राज्यों को भी इसी तरह संगठन और जनसंपर्क मजबूत करने की जरूरत है ताकि बसपा अपने मिशन को पूरा कर सके और गरीब, शोषित एवं पीड़ित वर्गों के हित में राज्य की स्थापना सुनिश्चित हो।

मायावती ने देश में बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, महिला असुरक्षा और जातिवाद व सांप्रदायिक हिंसा को गंभीर अभिशाप बताया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और राजनीतिक स्वार्थ के कारण संविधान के जनहित और कल्याणकारी उद्देश्यों का पालन कमजोर हुआ है, जिससे आम जनता और देश की स्थिति प्रभावित हो रही है।

बसपा सुप्रीमो ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी किसी पूंजीपति या धन्नासेठ के इशारे पर नहीं चलती। उन्होंने कहा कि बसपा एक अम्बेडकरवादी पार्टी है, जो संविधान के मानवतावादी और जनकल्याणकारी सिद्धांतों पर आधारित है। उनका मानना है कि जब सत्ता की चाबी दलित और बहुजन समाज के हाथ में होगी, तभी वे सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक शोषण से मुक्त हो सकेंगे।