बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने देश में भाषा को लेकर हो रही हिंसा को चिंताजनक बताते हुए केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब धर्म, जाति, क्षेत्र और भाषा आधारित संकीर्ण राजनीति हावी हो जाती है, तब यह देश की एकता और देशभक्ति की भावना को प्रभावित करती है।
रविवार को लखनऊ में पार्टी की एक समीक्षा बैठक के दौरान मायावती ने महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में संगठन की गतिविधियों और जनाधार को मजबूत करने के प्रयासों की समीक्षा की। इस बैठक में उन्होंने बीते 2 मार्च को दिए गए निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट भी पदाधिकारियों से प्राप्त की।
उन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों में पुलों और एक्सप्रेस वे पर लगातार हो रही दुर्घटनाओं पर चिंता जताई और सरकारों से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की। मायावती ने कहा कि ऐसे हादसे न केवल जनहानि का कारण बनते हैं बल्कि जनता का विश्वास भी डगमगाता है।
महंगाई और बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों को उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकारों को शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत कर आमजन का जीवन आसान बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।