कौशांबी जिले की चायल विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल, जिन्हें बीते गुरुवार को पार्टी से निष्कासित किया गया था, शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलीं। यह उनके सपा से निष्कासन के बाद मुख्यमंत्री के साथ पहली औपचारिक मुलाकात मानी जा रही है। उनकी इस बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा शुरू हो गई है कि भविष्य में उनका रुख किस दिशा में होगा।
पूजा पाल पर पहले भी उठ चुके थे सवाल
पिछले साल राज्यसभा चुनाव के दौरान पूजा पाल ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया था। उस समय से ही उनके और सपा हाईकमान के बीच तनातनी बढ़ती रही। पार्टी नेतृत्व ने उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की थी, लेकिन उनके व्यवहार और राजनीति को लेकर पार्टी में असंतोष बना हुआ था।
सदन में सीएम की खुलेआम तारीफ बनी अंतिम कारण
बृहस्पतिवार को विधानसभा में पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खुले तौर पर तारीफ की, जो पार्टी के लिए असहज स्थिति बन गई। इसके बाद सपा अध्यक्ष ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। इस घटना ने उनकी सपा से दूरी और भाजपा के प्रति झुकाव को और स्पष्ट कर दिया।
राजनीतिक मायने
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पूजा पाल की मुख्यमंत्री से मुलाकात और उनके हालिया रुख से साफ संकेत मिलते हैं कि वह भविष्य में भाजपा के साथ जुड़ सकती हैं या कम से कम राज्य सरकार के नीतियों के प्रति सहयोगी रुख अपनाएंगी। सपा के लिए यह घटना चेतावनी का संकेत भी है कि पार्टी के बागी विधायक लगातार परेशानी पैदा कर सकते हैं।
इस मुलाकात के बाद अब यह देखना होगा कि भाजपा या सरकार उन्हें किस तरह राजनीतिक रूप से आगे बढ़ाती है और उनकी सपा से दूरी उनके राजनीतिक भविष्य को किस दिशा में मोड़ती है।