लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के अनुपालन में नगर निकायों में पारदर्शिता और सुशासन सुनिश्चित करने हेतु नगर विकास विभाग ने तीन जिलों के अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की है। शाहजहांपुर, मुजफ्फरनगर और अलीगढ़ में मिली शिकायतों के बाद संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की गई है।
शाहजहांपुर: अध्यक्ष की 'वर्चुअल' उपस्थिति पर ऐक्शन
नगर पंचायत कांट की अध्यक्ष मुनरा बेगम पर आरोप है कि वे निर्धारित बोर्ड बैठकों में सशरीर उपस्थित नहीं हुईं और अपने स्थान पर रईस मियां को ऑडियो कॉल के माध्यम से बैठक में शामिल कराती रहीं। यह प्रक्रिया नगर पालिका अधिनियम, 1916 के नियमों का उल्लंघन है। जांच रिपोर्ट में इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अवहेलना माना गया है। जिलाधिकारी द्वारा शासन को रिपोर्ट भेजे जाने के बाद मुनरा बेगम को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए आगे की कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
मुजफ्फरनगर: महिला अधिकारी से दुर्व्यवहार पर अनुशासनिक जांच
नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर में कर निर्धारण अधिकारी दिनेश कुमार पर अनुशासनहीनता, उच्चाधिकारियों के आदेशों की अनदेखी और महिला अधीनस्थ कर्मचारियों से दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं। इन गंभीर आरोपों की जांच के लिए सहारनपुर मंडल के अपर आयुक्त (प्रशासन) को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। विभागीय जांच प्रक्रिया सेवा नियमावली 1966 एवं अनुशासन नियम 1999 के अंतर्गत शुरू की गई है।
अलीगढ़: उप नगर आयुक्त पर कर्तव्य में लापरवाही का आरोप
नगर निगम अलीगढ़ के उप नगर आयुक्त अमित कुमार सिंह बिना अनुमति के कार्यालय से लगातार अनुपस्थित रहे। गृहकर वसूली, प्रमाण पत्रों का निर्गमन, अतिक्रमण और जनसुनवाई से जुड़े मामलों में लापरवाही बरतने के आरोप हैं। इन आरोपों की जांच के लिए मंडल स्तरीय अधिकारी को नियुक्त किया गया है। यह कार्रवाई भी सेवा अनुशासन नियमों के अंतर्गत की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि शासन में अनुशासनहीनता, शक्ति का दुरुपयोग और सार्वजनिक जिम्मेदारियों की उपेक्षा को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।