लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि धनतेरस और दीपावली के दौरान व्यापारियों पर अनावश्यक कार्रवाई, जांच या छापेमारी न की जाए। उन्होंने कहा कि त्योहारों के समय किसी व्यापारी या उद्यमी के उत्पीड़न की शिकायत नहीं आनी चाहिए। सीएम ने चेतावनी दी कि राज्य कर विभाग में तैनाती अब केवल प्रदर्शन के आधार पर ही होगी।

मुख्यमंत्री रविवार को राज्य कर विभाग की राजस्व स्थिति की समीक्षा बैठक में शामिल हुए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोनल अधिकारियों से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि फील्ड में वही अधिकारी लगाए जाएं जिनकी छवि ईमानदार हो और जो लक्ष्य प्राप्ति के प्रति समर्पित हों। सीएम ने कहा कि आने वाले महीनों में जीएसटी सुधारों के परिणाम सकारात्मक रूप में सामने आएंगे।

बैठक के दौरान प्रस्तुत रिपोर्ट में बताया गया कि बरेली, सहारनपुर, मेरठ, गोरखपुर और झांसी जोन ने अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया है, जहां राजस्व संग्रह 62 से 64 प्रतिशत के बीच रहा। वहीं कुछ जोनों में लक्ष्य पूर्ति 55 से 58 प्रतिशत के बीच रही, जिनमें सुधार की जरूरत बताई गई।

सीएम ने सभी जोनल अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन खंडों में 50 प्रतिशत से कम राजस्व संग्रह हुआ है, उसके कारणों का स्पष्टीकरण तत्काल दिया जाए और सुधार की कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि बरेली, झांसी और कानपुर प्रथम जोन में कोई भी खंड 50 प्रतिशत से नीचे नहीं गया है, जो संतोषजनक है। कमजोर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

योगी ने निर्देश दिया कि वरिष्ठ अधिकारी खुद बाजार का निरीक्षण करें, व्यापारियों से संवाद बढ़ाएं और उनकी अपेक्षाओं को समझें। उन्होंने कहा कि मंडी शुल्क में कमी से किसानों को राहत के साथ-साथ राजस्व में भी वृद्धि हुई है। साथ ही, जीएसटी पंजीकरण और समय पर रिटर्न फाइलिंग के लिए सक्रिय अभियान चलाने पर जोर दिया।

बैठक में बताया गया कि वित्त वर्ष 2025-26 में सितंबर तक राज्य कर विभाग ने 55,000 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति की है, जिसमें 40,000 करोड़ रुपये जीएसटी और 15,000 करोड़ रुपये वैट से मिले हैं। इस वर्ष का कुल लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 18,700 करोड़ रुपये अधिक है।

विभागीय समीक्षा में यह भी सामने आया कि अब तक 104 बोगस फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिन्होंने 873.48 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि फर्जी आईटीसी मामलों की जांच तेज की जाए, बकाया वसूली में तेजी लाई जाए और लंबित जीएसटी तथा वैट प्रकरणों का निस्तारण जल्द किया जाए। उन्होंने करदाताओं के लिए पारदर्शी और ई-गवर्नेंस आधारित कर प्रणाली को और मजबूत करने पर भी बल दिया।