भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच विवाद दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। जहां पहले ज्योति सिंह लगातार पवन पर आरोप लगा रही थीं, वहीं अब पवन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने पक्ष में बयान दिया है। इसके साथ ही ज्योति सिंह ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है।
ज्योति का आरोप: पुलिस ने किया अभद्र व्यवहार
ज्योति सिंह ने रविवार, 5 अक्टूबर का एक वीडियो इंस्टाग्राम पर साझा किया है। इस दिन वह पवन सिंह के घर गई थीं, जहां भारी पुलिस बल तैनात था और उन्हें थाने आने के लिए कहा जा रहा था। वीडियो के कैप्शन में ज्योति ने लिखा कि थाना सुशांत गोल्फ सिटी, लखनऊ के एसएचओ उपेंद्र सिंह ने उनके साथ अभद्र और अपमानजनक व्यवहार किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी से शिकायत करते हुए कहा कि यह व्यवहार पीड़ित महिलाओं के लिए चिंता का विषय है।
सीएम योगी से सवाल
ज्योति ने लिखा कि जब सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे नारे लगाती है, वहीं पुलिस का ऐसा व्यवहार नीति का मजाक बनाता है। उन्होंने पूछा कि क्या एक पत्नी अपने पति से मिलने जाए तो उस पर भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा। ज्योति ने आग्रह किया कि ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी इस प्रकार का व्यवहार करने से पहले सोचे।
वीडियो में एसएचओ से बातचीत
वीडियो में ज्योति बार-बार थाने बुलाए जाने को लेकर परेशान नजर आती हैं। महिला पुलिस उन्हें थाने चलने के लिए कहती हैं, जबकि ज्योति बार-बार पूछती हैं कि क्या पति के घर आना कोई अपराध है। एसएचओ उपेंद्र सिंह भी बार-बार थाने आने की बात दोहराते हैं।
पवन सिंह का बयान: आरोपों का पलटवार
दूसरी ओर, पवन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि ज्योति के पिता चाहते हैं कि उनकी बेटी विधायक बने। पवन ने कहा, "विधायकी के लिए वह इतनी गिर सकती हैं, यह उम्मीद नहीं थी।" उन्होंने बताया कि तलाक का मामला चल रहा है और ज्योति ने मेंटेनेंस का केस भी दायर किया है।
यह विवाद अब न केवल निजी मामला बनकर रह गया है, बल्कि इसमें पुलिस कार्रवाई और राजनीतिक हस्तक्षेप भी जुड़ गए हैं, जिससे दोनों पक्षों के बीच टकराव और गहराता दिखाई दे रहा है।