इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड लॉकडाउन के दौरान फुटपाथ दुकानदार को भरण-पोषण भत्ता न दिए जाने के मामले में राज्य सरकार और मथुरा के जिलाधिकारी से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति पी.के. गिरि की खंडपीठ ने मथुरा निवासी प्रकाश चंद्र अग्रवाल की याचिका पर दिया।
प्रकाश चंद्र अग्रवाल फुटपाथ पर किताबों की दुकान चलाते थे। उन्होंने कोर्ट को बताया कि लॉकडाउन के चलते उनका रोजगार प्रभावित हुआ, लेकिन शासनादेश के अनुसार उन्हें कोई भत्ता नहीं मिला। सरकार ने 26 मार्च 2020 को आदेश जारी कर फुटपाथ और फेरी दुकानदारों को अप्रैल, मई और जून 2020 के लिए ₹1000 प्रतिमाह की सहायता देने की बात कही थी, जिसके लिए अलग से आवेदन की आवश्यकता नहीं थी। लाभार्थियों की सूची जिलाधिकारी को अनुमोदित करनी थी।
पूर्व में हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद, जिलाधिकारी ने यह जानकारी दी थी कि मथुरा को आवंटित ₹205.25 लाख की राशि शासन को वापस की जा चुकी है। इसके बावजूद याची को कोई राहत नहीं मिली, जिससे निराश होकर उन्होंने दोबारा कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
कोर्ट ने मुख्य सचिव और मथुरा डीएम से जवाब तलब करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 9 सितंबर तय की है।