पीलीभीत में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के संगठन मंत्री प्रिंस गौड़ मंगलवार को न्यायिक हिरासत से रिहा हो गए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंगलदेव सिंह ने उनकी जमानत याचिका स्वीकार की और शाम तक आवश्यक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद रिहाई आदेश जारी किया गया।

प्रिंस गौड़ पर एडीएम वित्त एवं राजस्व ऋतु पूनिया द्वारा शुक्रवार को सदर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उन्होंने न्यायिक और प्रशासनिक कार्यों में बाधा डाली, सरकारी प्रतिष्ठा और सामाजिक छवि को नुकसान पहुंचाया और जान का खतरा पैदा किया।

पुलिस ने शनिवार को प्रिंस गौड़ को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। न्यायालय ने उन्हें तत्काल ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया। कुछ घंटे बाद स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बीमार होने के कारण प्रिंस गौड़ सोमवार को अदालत में पेश नहीं हो सके। मंगलवार को सुबह से ही अदालत परिसर में विहिप कार्यकर्ताओं की चहल-पहल रही। सुनवाई के दौरान पुलिस ने अदालत से प्रिंस गौड़ पर लगे गंभीर आरोपों को हटाने का अनुरोध किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।

अंततः न्यायालय ने निजी मुचलके और दो जमानती प्रस्तुत करने की शर्त पर प्रिंस गौड़ को जमानत देते हुए जेल से रिहा करने का आदेश जारी किया।