लखनऊ में सोमवार को कुंदरकी के विधायक ठाकुर रामवीर सिंह द्वारा आयोजित एक दावत ने राजधानी से लेकर मुरादाबाद तक राजनीतिक चर्चाओं को हवा दे दी। जैसे ही इसके सियासी मायने निकाले जाने लगे, विधायक ने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपना पक्ष रखा और इसे पारिवारिक कार्यक्रम बताते हुए राजनीतिक रंग देने के आरोपों को खारिज किया।
रामवीर सिंह ने लिखा कि वे हमेशा सर्व समाज के लिए सक्रिय रहे हैं और यह आयोजन केवल उनके कुटुंब का कार्यक्रम था। पिछले साल हुए कुंदरकी उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करने के बाद से वह लगातार प्रदेश की राजनीति में चर्चा में बने हुए हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में दिखा कि इस कार्यक्रम में लगभग 40 विधायक मौजूद थे, जिसके बाद भाजपा खेमे में भी हलचल मच गई। हालांकि जिले के नेताओं ने इस पर खुलकर टिप्पणी नहीं की, लेकिन पार्टी गलियारों में इसकी चर्चा तेज रही।
कुछ विधायकों का कहना है कि यह दावत विधायक की जीत की खुशी में रखी गई थी, जबकि कुछ ने इसे उनकी पोती के जन्मदिन का कार्यक्रम बताया। विधायक ने फेसबुक पर साफ कहा कि यह महज पारिवारिक जलसा था, जिसे राजनीतिक और जातीय रंग देना गलत है। उन्होंने इसे उनकी छवि खराब करने की कोशिश करार दिया।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और अटकलें
यह चर्चा इसलिए भी बढ़ी क्योंकि बीते लोकसभा चुनाव में ठाकुर वर्ग की नाराजगी की बात सामने आई थी। ऐसे में इस बैठक को उस वर्ग को साधने के संकेत के तौर पर भी देखा जा रहा है।
रामवीर सिंह ने उपचुनाव जीतने के बाद नौ महीनों में 11 बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है, जिससे उनके भविष्य में मंत्री बनने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं।
रिकॉर्ड जीत से मिली पहचान
पिछले साल नवंबर में हुए उपचुनाव में रामवीर सिंह ने सपा उम्मीदवार और पूर्व विधायक हाजी रिजवान को 1,44,791 मतों से हराया था। मुस्लिम बहुल इस सीट पर यह अब तक की सबसे बड़ी जीत रही और भाजपा को यहां 31 साल बाद सफलता मिली।
दावत में कौन-कौन शामिल था
सोमवार को लखनऊ के एक होटल में विधानसभा सत्र के बाद 55 विधायक पहुंचे थे। वहां ‘कुटुंब परिवार’ नामक कार्यक्रम का बैनर लगा था, जिसमें आयोजक के रूप में ठाकुर रामवीर सिंह और एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त का नाम और तस्वीरें थीं।
कार्यक्रम में ज्यादातर क्षत्रिय विधायक मौजूद थे, जबकि अन्य जातियों के गिने-चुने नेता ही शामिल हुए। भाजपा के अभिजीत सांगा, एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह सहित कई विधायक और सपा से निष्कासित राकेश प्रताप सिंह व अभय सिंह भी उपस्थित रहे।