लखनऊ। उत्तर प्रदेश में फार्मास्युटिकल निर्माण, नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को इन्वेस्ट यूपी कार्यालय में जापान की कंसाई फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के साथ एक उच्चस्तरीय ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य और जापान की अग्रणी फार्मा कंपनियों के बीच साझेदारी और निवेश की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने की। इसमें इन्वेस्ट यूपी के वरिष्ठ अधिकारी और भारत की तरफ से टीआई मेडिकल्स, टॉरेंट फार्मा और थ्रीएक्सपर इनोवेंचर के प्रतिनिधि शामिल हुए। जापानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एसोसिएशन के महानिदेशक डॉ. योशिकाज़ु हयाशी और चुओ गाकुइन विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अत्सुको कामीइके ने किया।
प्रो. कामीइके ने भारत के फार्मा क्षेत्र की नवाचार क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की सराहना करते हुए इसे “दुनिया की फार्मेसी” कहा। अवनीश अवस्थी ने उत्तर प्रदेश को फार्मा हब बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ते राज्य के रूप में पेश किया। उन्होंने राज्य में 200 से अधिक मेडिकल कॉलेज, दो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, 25 से अधिक मेडटेक स्टार्टअप्स और कुशल मानव संसाधन तैयार करने वाली CDMO क्षमताओं का उल्लेख किया।
अवनीश अवस्थी ने राज्य की अवसंरचना का भी ब्यौरा दिया, जिसमें 13 एक्सप्रेसवे (7 संचालित, 6 निर्माणाधीन), पांच अंतरराष्ट्रीय और 16 घरेलू हवाई अड्डे, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से निकटता, विशाल उपभोक्ता आधार और 56% से अधिक युवा मानव संसाधन शामिल हैं।
उन्होंने उत्तर प्रदेश निवेश प्रोत्साहन नीति 2023 का हवाला देते हुए कहा कि यह नीति एफडीआई/एफसीआई, फॉर्च्यून ग्लोबल 500 और फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनियों के लिए आकर्षक प्रोत्साहन और सब्सिडी देती है। इसके अलावा राज्य में 33 से अधिक क्षेत्र-विशेष निवेश अनुकूल नीतियां लागू हैं।
बैठक के अंत में इन्वेस्ट यूपी ने जापानी प्रतिनिधिमंडल को राज्य में निवेश की संभावनाओं का अवलोकन करने और उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत जैसे बौद्ध सर्किट और ताजमहल का अनुभव लेने के लिए आमंत्रित किया। यह पहल भारत-जापान के फार्मा वैल्यू चेन सहयोग को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।