श्री तुलसीपीठाश्वर के जगद्गुरू रामभद्राचार्य महाराज ने संत प्रेमानंद के बारे में विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रेमानंद महाराज न तो विद्वान हैं और न ही चमत्कारी। रामभद्राचार्य ने कहा, “यदि वह वास्तव में चमत्कार दिखाना चाहते हैं तो मेरे सामने संस्कृत बोलें और मेरे श्लोकों का अर्थ समझाएं। फिलहाल वे मेरे सामने मेरे बालक के समान ही हैं।”
जगद्गुरू ने यह बात यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में कही। जब उनसे पूछा गया कि सोशल मीडिया पर लोग प्रेमानंद जी को चमत्कारी मानते हैं, तो उन्होंने चुनौती दी कि कोई वास्तविक चमत्कार है तो वह सामने दिखाएं। उन्होंने कहा कि उनकी लोकप्रियता क्षणभंगुर है।
रामभद्राचार्य के इस बयान के वायरल होने के बाद वृंदावन के संतों में खलबली मच गई। इसे लेकर राधानंद गिरी महाराज के आश्रम में बैठक हुई।
बैठक में दिनेश फलहारी ने कहा कि रामभद्राचार्य बड़े संत हैं, लेकिन उनके इस बयान में अहंकार झलक रहा है। महंत अभीदास और महेंद्र मधुसूदन महाराज ने कहा कि संत प्रेमानंद ने संतों को जोड़ने का काम किया है, ऐसे में उनके खिलाफ ऐसा कहना उचित नहीं है। वहीं, दिव्या कुमारी और रामविलास चतुर्वेदी ने उनके बयान की निंदा की।