दो पैन कार्ड प्रकरण में दोषी करार दिए जाने के बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। फैसले के तुरंत बाद दोनों को जेल भेज दिया गया था। इसी बीच, मंगलवार को जेल प्रशासन ने अदालत में एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल की है, जिसमें सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए दोनों को दूसरी जेल में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान जेल में राजनीतिक रूप से संवेदनशील बंदियों के लिए आवश्यक उच्च सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। इस प्रस्ताव के सामने आते ही प्रशासनिक स्तर पर हलचल और बढ़ गई है। लगातार कानूनी मामलों से घिरा आजम खां का परिवार एक बार फिर सुर्खियों में है।
सजा के बाद अब रामपुर स्थित उनके घर में केवल पत्नी तजीन फातिमा, बड़ा बेटा अदीब खां और बहू सिदरा अदीब ही रह गए हैं। परिवार के अधिकतर सदस्य कानूनी प्रक्रियाओं में उलझे होने के कारण घर का माहौल काफी बदल गया है। कभी रामपुर की राजनीति में सबसे प्रभावशाली माने जाने वाला यह परिवार अब अदालतों की तारीखों और फैसलों पर निर्भर हो गया है।
तजीन फातिमा पर भी कई पुराने मामलों में सुनवाई जारी है, जबकि वे बेटे के जन्म प्रमाण पत्र के एक मामले में सजा पा चुकी हैं। उन पर कुल 32 मामले दर्ज बताए जाते हैं।
उधर, सजा मिलने के बाद आजम खां और अब्दुल्ला आजम की पहली रात जेल में काफी बेचैनी भरी बताई गई। आजम खां अब तक सात मामलों में सजा झेल रहे हैं, जबकि अब्दुल्ला तीन मामलों में दोषी ठहराए जा चुके हैं।
दोनों के जेल पहुंचते ही उनके आवास के बाहर छाया रहने वाला राजनीतिक जमावड़ा पूरी तरह गायब हो गया है। पहले जहां समर्थकों और मिलने वालों की आवाजाही लगी रहती थी, अब वहीं सन्नाटा पसरा हुआ है।
रामपुर की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले इस परिवार का भविष्य अब अदालतों में होने वाली अगली सुनवाई और उनके फैसलों पर टिका है।