उत्तर प्रदेश के बाजारों में धनतेरस पर खरीदारी का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। प्रदेश के प्रमुख शहरों लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, नोएडा, आगरा और गोरखपुर सहित छोटे जिलों तक में दिनभर बाजार गुलजार रहे। व्यापारिक संगठनों के अनुसार इस धनतेरस पर लगभग 24,000 करोड़ रुपये का कारोबार दर्ज किया गया, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा करीब 10,000 करोड़ रुपये था।
सोना-चांदी में चमक, खरीदारी में रही भारी भागीदारी
सोने-चांदी में रिकार्ड महंगाई के बावजूद ग्राहक बढ़-चढ़कर खरीदारी में शामिल रहे। प्रदेश के करीब 8,000 पंजीकृत और 30,000 से अधिक अपंजीकृत सराफा व्यापारियों ने लगभग 8,000 करोड़ रुपये के सोने-चांदी के आभूषण बेचे। सोने के सिक्के और हल्के वजन के गहनों की मांग सबसे अधिक रही। चांदी के बर्तन और धार्मिक प्रतीकों की बिक्री भी रही, हालांकि कीमतों में तेजी के कारण खरीदारी की मात्रा पिछले वर्ष के मुकाबले 40% कम रही।
इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल्स में बढ़ी दिवाली की रौनक
एसी, फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन और मोबाइल समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की बिक्री ने भी रिकॉर्ड तोड़ा। यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.के. मेहरोत्रा के अनुसार लगभग 4,000 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद और 2,000 करोड़ रुपये के पंखे, गीजर, सजावटी लाइटिंग व अन्य उपकरण बिके।
ऑटोमोबाइल बाजार में उत्साह
धनतेरस पर टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर शोरूमों में खरीदारों की लंबी कतारें रही। वाहन विक्रेताओं के अनुसार इस दौरान लगभग 25,000 दोपहिया और 3,000 चारपहिया वाहन बिके, जिससे ऑटोमोबाइल सेक्टर का कारोबार 1,100 करोड़ रुपये के पार पहुंचा।
रेडीमेड, गिफ्ट और ड्राई फ्रूट्स में भी रौनक
त्योहारी फैशन और गिफ्टिंग के चलते कपड़ा और रेडीमेड बाजारों में लगभग 2,200 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। उपहार, डेकोरेशन आइटम और ड्राई फ्रूट्स की संयुक्त बिक्री लगभग 6,000 करोड़ रुपये रही।
मिठाई और फूड आइटम्स की भी रही भारी बिक्री
मिठाई की दुकानों पर दिनभर भीड़ रही। पारंपरिक मिठाइयों और ड्राई फ्रूट बेस्ड गिफ्ट बॉक्स की मांग ने मिठाई व्यापार में उछाल लाया। अनुमान है कि मिठाई और अन्य फूड आइटम्स की बिक्री 1,000 करोड़ रुपये के पार रही। इसके अलावा लगभग 600 करोड़ रुपये की मिली-जुली खरीदारी हुई।
धनतेरस पर प्रदेश के सभी बाजारों में त्योहारी उत्साह और खरीदारी का ऐसा माहौल देखने को मिला कि व्यापारियों ने इसे पिछले कई वर्षों की सबसे सफल धनतेरस बताया।