अवध के छह जिलों में नदियां उफान पर, मिर्जापुर में टूटा 2021 का जलस्तर रिकॉर्ड

लखनऊ/मिर्जापुर। लगातार हो रही बारिश के चलते अवध क्षेत्र के छह जिलों में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। मंगलवार को बहराइच, बाराबंकी, गोंडा, सीतापुर, बलरामपुर और श्रावस्ती में सरयू, राप्ती और अन्य जलधाराएं खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

बहराइच:
सरयू नदी यहां खतरे के निशान से 32 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। 22 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। मिहींपुरवा के मौरहवा और महसी के जानकी नगर में कटान तेज हो गया है। सुजौली क्षेत्र के जंगल गुलरिया गांव में हालात का जायजा लेने पहुंचे एसडीएम प्रकाश सिंह को ट्रैक्टर से जाना पड़ा।

बाराबंकी:
यहां सरयू नदी 40 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। सुंदरनगर गांव में पानी घुसने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

गोंडा:
हर घंटे एक सेंटीमीटर की दर से जलस्तर बढ़ रहा है। सरयू नदी खतरे के निशान से 37 सेंटीमीटर ऊपर है और 24 से अधिक गांवों में पानी पहुंच गया है।

बलरामपुर:
यहां खरझार पहाड़ी नाले का जलस्तर भी खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।

सीतापुर:
सरयू का जलस्तर यहां भी उफान पर है और लगभग 40 गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। इमलिया सुल्तानपुर के टीकर बहादुरपुर गांव में एक कच्ची दीवार गिरने से युवक शराफत (25) और उसकी पत्नी शाबान (20) घायल हो गए। इलाज के दौरान शराफत की मौत हो गई।

श्रावस्ती:
राप्ती नदी यहां खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। इकौना के भुतहा गांव में कटान की गति तेज हो गई है, जिससे लोग डरे हुए हैं।

मिर्जापुर में गंगा ने पार किया 2021 का उच्चतम जलस्त

प्रदेश में सबसे अधिक चिंताजनक स्थिति इस समय मिर्जापुर जिले की है। सिंचाई विभाग के अनुसार, यहां गंगा नदी ने वर्ष 2021 के उच्चतम जलस्तर को पीछे छोड़ते हुए चुनार में सात सेंटीमीटर और नरायणपुर में 18 सेंटीमीटर ऊपर बहना शुरू कर दिया है। अधिशासी अभियंता (बाढ़ मंडल) हरिओम गुप्ता ने बताया कि गंगा के जलस्तर में इस वृद्धि का कारण चंबल नदी से आ रहा अतिरिक्त पानी है। चुनार क्षेत्र के लगभग 36 गांव बाढ़ की चपेट में हैं, जबकि नरायणपुर में हालात और गंभीर हैं।

प्रयागराज और अन्य जिलों में भी नदियों का रौद्र रूप

प्रयागराज में यमुना नदी खतरे के निशान 84.74 मीटर से 1.19 मीटर ऊपर बह रही है, जबकि छदनाग क्षेत्र में यह अंतर 58 सेंटीमीटर का है।
इसके अलावा वाराणसी, अयोध्या, गाजीपुर, बलिया और लखीमपुर खीरी के पलिया क्षेत्र में बहने वाली शारदा सहित कई नदियों का जलस्तर लाल निशान को पार कर चुका है।

प्रशासन और बाढ़ नियंत्रण टीमें सतर्क

सिंचाई विभाग के अनुसार, प्रभावित इलाकों में लगातार निगरानी रखी जा रही है। प्रशासन, सिंचाई विभाग और बाढ़ खंड के अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं और राहत कार्यों के लिए तैयार हैं। वहीं, कुछ क्षेत्रों में देर रात जल स्तर में गिरावट आने की संभावना भी जताई गई है।

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