मुजफ्फरनगर। शुकतीर्थ स्थित सतगुरु समानदास आश्रम में आयोजित संत समागम के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संत रविदास ने समाज को धार्मिक आडंबरों और कुरीतियों से जागरूक करते हुए आध्यात्मिक चेतना का प्रसार किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास का प्रसिद्ध विचार “मन चंगा तो कठौती में गंगा” जीवन की पवित्रता और सादगी का प्रतीक है, जो आज भी मार्गदर्शक बना हुआ है। उन्होंने संत रविदास के गुरु संत रामानंद का उल्लेख करते हुए कहा कि “जाति न पूछो साधु की, हरि को भजे सो हरि का होई” — यह विचार समाज में समरसता का संदेश देता है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि संत रविदास का यह सपना था कि समाज में कोई भूखा न रहे, और सबको समान रूप से सुख और सुविधा मिले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी सोच को लेकर काम कर रहे हैं, और कोरोना काल के बाद 21 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त अन्न उपलब्ध कराया गया।
अंबेडकर को मिला वास्तविक सम्मान भाजपा सरकार में: योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद कई सरकारें आईं, लेकिन संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को अपेक्षित सम्मान नहीं मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘पंच तीर्थ’ की स्थापना कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी गई है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की मजबूत कानून व्यवस्था के कारण अब कैराना और करना जैसे पलायन की घटनाएं इतिहास बन चुकी हैं। यह जनता के विश्वास और समर्थन से मिली आत्मशक्ति का परिणाम है।
शुकतीर्थ की ऐतिहासिकता का किया उल्लेख
सीएम योगी ने कहा कि शुकतीर्थ एक ऐसी पावन भूमि है, जिसकी ऐतिहासिकता 5,000 वर्षों से भी अधिक पुरानी है। यहां की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत दुनिया में एक अनूठा उदाहरण है।
समाधि पर पुष्पांजलि, विकास कार्यों की सौगात
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत सतगुरु समनदास महाराज की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर की। इसके बाद उन्होंने समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि दी और आश्रम के मुख्य द्वार के सौंदर्यीकरण कार्य का उद्घाटन किया।
सीएम ने विकास कार्यों की घोषणा की
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि निकट भविष्य में सतगुरु समानदास, स्वामी ज्ञान भिक्षुक और अन्य पूज्य संतों के नाम पर घाटों का निर्माण कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त मार्गों के चौड़ीकरण, एक नया सत्संग भवन और पार्क निर्माण की भी योजना बनाई गई है।