आतंकी गतिविधियों में गिरफ्तार डॉ. शाहीन के पिछले दस वर्षों की यात्रा का ब्यौरा जांच एजेंसियों द्वारा जुटाया जा रहा है। लखनऊ में दो माह ठहरने की जानकारी सामने आने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं। इसी के साथ डॉ. शाहीन के अयोध्या दौरे की भी छानबीन की जा रही है।
डॉ. शाहीन के पूर्व पति डॉ. जफर हयात ने बताया कि शाहीन अक्सर यूरोप में बसने की इच्छा व्यक्त करती थी। खुफिया एजेंसियां शाहीन के विदेश दौरे की पड़ताल कर रही हैं। इस दौरान उनके पुरुष मित्र डॉ. मुज्जमिल का तुर्किए कनेक्शन भी सामने आया है, जिसके बाद शाहीन के कई देशों की यात्राओं की जांच शुरू की गई।
सूत्रों के अनुसार, विदेश यात्राओं के दौरान शाहीन की मुलाकात आतंकी संगठनों से हुई और विदेश में ही उन्हें आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने का काम सौंपा गया। गिरफ्तार अन्य आरोपियों के जैश से संबंध मिलने के बाद शाहीन के कनेक्शन का खुलासा करने के लिए एटीएस विशेष जांच कर रही है।
यूएई में दो साल बिताने के प्रमाण
जांच में शाहीन के पासपोर्ट और दस्तावेजों से पता चला कि उन्होंने 2016 से 2018 के बीच यूएई में दो साल रहकर नौकरी की। इस दौरान वह कई लोगों के संपर्क में रही। माना जा रहा है कि इसी दौरान शाहीन को जैश की महिला विंग ‘जमात उल मोमिनात’ को तैयार करने की ट्रेनिंग दी गई।
नए सिरे से पूछताछ की तैयारी
लखनऊ में दो माह रहकर गतिविधियों की संभावना के मद्देनजर एटीएस शाहीन के परिवार और आसपास के लोगों से नए सिरे से पूछताछ कर रही है। इसमें उनके पिता सईद अंसारी, भाई शोएब और पड़ोसी शामिल हैं। साथ ही, शाहीन के फोन कॉल रिकॉर्ड और संपर्कों की जांच से भी एटीएस महत्वपूर्ण सुराग जुटा रही है।
एटीएस का मानना है कि इन पूछताछ और तकनीकी जांचों से शाहीन की गतिविधियों और उनके नेटवर्क का पूरा चित्र सामने आ सकेगा।