ब्रह्मपुरी के चर्चित नीले ड्रम सौरभ हत्याकांड में गुरुवार को अदालत में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर दिनेश सिंह चौहान ने अहम गवाही दी। उन्होंने बताया कि सौरभ की हत्या बेहद निर्मम तरीके से की गई थी — उसकी गर्दन छुरी से काटी गई थी और दोनों हाथों की कलाई अलग कर दी गई थीं। शव पर कई गहरे घाव और धारदार हथियारों के निशान मिले। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, हत्या पोस्टमार्टम से लगभग दो से तीन सप्ताह पहले हुई थी और शव को सीमेंट में पूरी तरह दबाया गया था।

अदालत में यह गवाही जिला जज संजीव पांडे की कोर्ट में दर्ज की गई, जहां अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) कृष्ण कुमार चौबे और बचाव पक्ष से अधिवक्ता रेखा जैन मौजूद रहीं।

डॉ. चौहान ने बताया कि पोस्टमार्टम के समय सिर, धड़ और पंजे अलग-अलग थे। मृतक की एक आंख खुली और एक बंद थी, जबकि मुंह खुला हुआ पाया गया। सीमेंट के अंदर खून के निशान मिले। शरीर पर दर्जनों बार चाकू या छुरी से वार किए गए थे। सौरभ की मौत गर्दन कटने और अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हुई थी।

उन्होंने यह भी बताया कि शरीर पर फटा हुआ बनियान, अंडरवियर और दाएं पैर में मौजा मिला। शव की स्थिति से स्पष्ट था कि मौत को कई दिन बीत चुके थे — पेट फूला हुआ था, खाल और बाल अलग हो रहे थे, और जबड़ा टूटा था। शव के साथ सीमेंट में बंद एक छुरी और चाकू भी बरामद हुए थे।

ड्रम भारी होने के कारण उसे सीधे पोस्टमार्टम हाउस ले जाकर काटा गया। मौके पर मृतक के भाई राहुल और हेमंत ने शव की पहचान सौरभ राजपूत के रूप में की। अदालत में डॉक्टर के बयान दर्ज करने के बाद बचाव पक्ष ने जिरह की।

जिला शासकीय अधिवक्ता कृष्ण कुमार चौबे के अनुसार, अदालत ने अब मामले के पहले विवेचक, ब्रह्मपुरी थाने के एसएसआई कर्मवीर सिंह को गवाही के लिए 4 नवंबर को तलब किया है।

अब तक मृतक के भाई बबलू, मां रेणू, दोस्त सौरभ कुमार, चाकू और नीला ड्रम बेचने वाले दुकानदारों सहित कुल 12 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं।