लखनऊ। अंतरिक्ष की सफल यात्रा के बाद अपने गृह नगर लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु इस समय सबकी नजरों में हैं। राजधानी के नागरिक उनकी उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं। मंगलवार को शुभांशु ने इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में सीएमएस और अटल आवासीय विद्यालय मोहनलालगंज के छात्रों से मुलाकात की और उनके साथ नक्षत्रशाला में एक विशेष शो देखा। बच्चों के सवालों का उन्होंने धैर्यपूर्वक उत्तर दिया और कुछ छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र भी वितरित किए।
सफलता के मंत्र: जल्दी सोएं और जल्दी उठें
शुभांशु ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि पढ़ाई में लगन और अनुशासन महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि बड़ा सपना देखें और उसे साकार करने के लिए निरंतर मेहनत करें। छात्रों को उन्होंने टाइम-टेबल बनाकर योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई करने की सलाह दी, जिससे रोजाना छोटे कदम उठाकर बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।
बच्चों के सवालों का किया जवाब
शुभांशु ने छात्रों के सवालों का भी विस्तार से जवाब दिया। कक्षा 11 की कनक शुक्ला ने पूछा कि उनका रोल मॉडल कौन था, इस पर उन्होंने कहा कि भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री विंग कमांडर राकेश शर्मा उनके आदर्श रहे। अन्य छात्रों ने पढ़ाई और सफलता के टिप्स मांगे, जिनका उत्तर उन्होंने अनुशासन, समय प्रबंधन और निरंतर प्रयास से हासिल किए जाने योग्य लक्ष्य बताया।
सादगी और सरलता से मोहा सबका मन
अपनी बड़ी उपलब्धि के बावजूद शुभांशु की सरलता और डाउन-टू-अर्थ व्यक्तित्व ने सभी का दिल जीत लिया। छात्र-छात्राओं ने बताया कि उन्होंने बच्चों से बेहद स्नेहपूर्वक बातचीत की। शहर की मेयर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि शुभांशु के सम्मान में त्रिवेणी नगर की सड़क और एक पार्क का नाम उनके नाम करने का निर्णय लिया गया है।
नक्षत्रशाला की तारीफ
उप्र विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद के अधिकारीयों ने बताया कि शुभांशु ने नवीनीकृत नक्षत्रशाला और उसकी उन्नत तकनीक की प्रशंसा की और इसे “वन ऑफ द बेस्ट नक्षत्रशाला” बताया।
सादा भोजन और पसंदीदा ब्लैक कॉफी
शुभांशु ने दोपहर को गेस्ट हाउस में सादा भोजन किया और अपनी पसंद की ब्लैक कॉफी पी। इस दौरान उनके साथ पत्नी कामना, पुत्र कियांश और माता-पिता भी मौजूद रहे।
यह दौरा न केवल बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना बल्कि शुभांशु की सरलता और उनकी उपलब्धियों ने पूरे लखनऊवासियों का मन भी मोह लिया।