गाजीपुर में बिजली आपूर्ति की समीक्षा बैठक के बाद समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी सुर्खियों में रहे। इस दौरान उन्होंने जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आड़े हाथों लिया, वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की खुलकर तारीफ की।
अंसारी ने कहा कि मोहन भागवत ने हाल ही में एकता और भाईचारे पर जोर देते हुए नफरत की राजनीति बंद करने की बात कही थी। यह विचार स्वागत योग्य है और सभी धार्मिक नेताओं को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाला आरएसएस से बड़ा संगठन दुनिया में और कोई नहीं है। अगर इसके प्रमुख कहते हैं कि मंदिरों और तीर्थस्थलों में लगातार शिवलिंग खोजने से देश कमजोर होगा, तो इस संदेश को गंभीरता से लेना जरूरी है।
इस्लाम को लेकर दिए बयान का भी स्वागत
भागवत द्वारा हाल में इस्लाम को भारत का अभिन्न हिस्सा मानने पर प्रतिक्रिया देते हुए अंसारी ने कहा कि इस्लाम कोई नया धर्म नहीं, बल्कि सदियों से भारत की संस्कृति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भागवत ने इस सच्चाई को स्वीकार कर स्पष्ट संदेश दिया है।
मोदी और योगी पर व्यक्तिगत हमला
जहां एक ओर अंसारी ने भागवत के वक्तव्यों का समर्थन किया, वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि दिल्ली और लखनऊ में बैठे सत्ता के शीर्ष नेता “परिवार विहीन” हैं और आम लोगों की पारिवारिक भावनाओं को समझने में असमर्थ हैं।
तेजस्वी यादव पर जताया भरोसा
बिहार की राजनीति पर प्रतिक्रिया देते हुए अंसारी ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को इंडिया गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का उपयुक्त चेहरा बताया। उन्होंने अखिलेश यादव के “अवध और मगध” संबंधी बयान की तारीफ करते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि इस बार तेजस्वी बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे। राहुल गांधी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने टिप्पणी करने से बचते हुए सिर्फ इतना कहा कि “वो बड़े नेता हैं।”
अंसारी के इन बयानों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है क्योंकि इसमें आरएसएस प्रमुख की सराहना और पीएम-सीएम पर तीखा हमला, दोनों शामिल हैं।