उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोप में चार जिला समाज कल्याण अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। उप्र लोक सेवा आयोग ने भी इस कार्रवाई को मंजूरी दी है। बर्खास्तगी के आदेश में शामिल अधिकारियों पर सरकारी धन की वसूली के साथ पेंशन में स्थायी कटौती के निर्देश भी दिए गए हैं। समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने संबंधित मामलों में एफआईआर दर्ज कराने के भी आदेश दिए हैं।
बर्खास्त किए गए अधिकारियों में श्रावस्ती की मीना श्रीवास्तव, मथुरा के करुणेश त्रिपाठी, हापुड़ के संजय कुमार ब्यास और शाहजहांपुर के राजेश कुमार शामिल हैं। इन अधिकारियों पर विभिन्न योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक सहायता योजना, शादी-बिमारी योजना, छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति में भारी अनियमितताएं करने का आरोप है।
जांच में सामने आया कि मीना श्रीवास्तव ने मार्च 2008 से अप्रैल 2012 तक श्रावस्ती में पदस्थ रहते हुए कई योजनाओं के लाभार्थियों के खाते में हेरफेर किया और सरकारी धन हड़पने में संलिप्त रही। मथुरा के करुणेश त्रिपाठी ने निजी आईटीआई संस्थानों को अनियमित रूप से छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान कर लगभग 2.53 करोड़ रुपये की हानि पहुंचाई। हापुड़ के संजय कुमार ब्यास ने छात्रवृत्ति राशि सीधे संस्थाओं के खातों में ट्रांसफर कर 3.23 करोड़ रुपये की हानि की। शाहजहांपुर के राजेश कुमार ने राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत अपात्र लोगों को लाभ पहुंचाया और 2.52 करोड़ रुपये का गबन किया।
इसके अलावा, सेवानिवृत्त अधिकारियों के मामलों में भी धन वसूली और पेंशन कटौती के निर्देश जारी किए गए हैं। उदा. श्रीभगवान से 20 लाख रुपये वसूली और पेंशन में 10 प्रतिशत स्थायी कटौती, विनोद शंकर तिवारी से 1.96 करोड़ रुपये वसूली और पेंशन में 50 प्रतिशत स्थायी कटौती, तथा उमा शंकर शर्मा से 88.94 लाख रुपये वसूली और 50 प्रतिशत पेंशन कटौती।
राज्य मंत्री असीम अरुण ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भ्रष्टाचार पर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी और ऐसे दबे हुए अन्य मामलों में भी जल्द ही एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।