मथुरा: वक्फ संपत्तियों पर पारदर्शिता और नियंत्रण बढ़ाने के लिए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। अब वक्फ संपत्ति में रह रहे किराएदारों को सर्किल रेट के अनुसार किराया देना होगा। वहीं, जिन लोगों ने वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा किया है या किराया नहीं दे रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

यह जानकारी वक्फ कोऑर्डिनेटर जेड हसन ने चंदनवन स्थित एएचएम स्कूल की लाइब्रेरी हॉल में आयोजित बैठक के दौरान दी। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों की डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और सभी संपत्तियों का ब्यौरा ‘उम्मीद पोर्टल’ पर दर्ज किया जाएगा।

उन्होंने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड से नियुक्त सभी कोऑर्डिनेटरों से कहा कि वे संबंधित संपत्तियों की जानकारी जल्द से जल्द पोर्टल पर रजिस्टर्ड कराएं। साथ ही, मुतवल्लियों को निर्देश दिया गया कि वे तौलियत प्रमाण पत्र, वक्फनामा, खसरा-खतौनी, आधार कार्ड, और बिजली बिल जैसे जरूरी दस्तावेज डॉ. शबनम कुरैशी या कोऑर्डिनेटर जेड हसन को दिसंबर तक उपलब्ध कराएं।

कोऑर्डिनेटर डॉ. शबनम कुरैशी ने बताया कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की यह पहल वक्फ संपत्तियों के सुगठित और पारदर्शी प्रबंधन की दिशा में अहम कदम है। उन्होंने कहा कि उम्मीद पोर्टल न केवल पंजीकरण और सत्यापन का साधन बनेगा, बल्कि यह कानूनी निगरानी व्यवस्था के रूप में भी काम करेगा, जिससे अवैध कब्जे, बिक्री और खरीद पर रोक लगेगी।

बैठक में कोऑर्डिनेटर सैयद मशहूर अली, खालिद अली और सिराज शाह सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।