हज यात्रा की तैयारी कर रहे लोगों के लिए राहत की खबर है। अब हज आवेदन के लिए पासपोर्ट में उपनाम (सरनेम) दर्ज होना अनिवार्य नहीं रहेगा। हज कमेटी ऑफ इंडिया ने इस शर्त को वापस लेते हुए बड़ी संख्या में आजमीन को आवेदन का अवसर प्रदान किया है।
गौरतलब है कि 7 जुलाई को हज 2026 के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत की गई थी, जिसके साथ यह नियम लागू किया गया था कि पासपोर्ट पर आवेदक का उपनाम भी दर्ज होना चाहिए। इस नियम से हजारों लोगों को आवेदन से वंचित होने की आशंका थी, क्योंकि गांव, कस्बों और यहां तक कि शहरों में भी बहुत से लोग अपने दस्तावेजों में उपनाम का प्रयोग नहीं करते।
राज्य हज कमेटी के सचिव एस.पी. तिवारी ने बताया कि यदि यह शर्त बरकरार रहती तो हजारों संभावित यात्री आवेदन करने से वंचित रह जाते। इसके अतिरिक्त, नए पासपोर्ट बनवाने वालों के लिए अपने अन्य दस्तावेजों—जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी या पैन कार्ड—में उपनाम जोड़वाना कम समय में संभव नहीं था।
इन परिस्थितियों को देखते हुए हज कमेटी ऑफ इंडिया ने उपनाम की अनिवार्यता को समाप्त करने का निर्णय लिया है। अब ऐसे आवेदक, जिनके पासपोर्ट पर उपनाम दर्ज नहीं है, वे भी आसानी से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।