राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (आरएसएसपी) के प्रमुख और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने समृद्धि के लिए लक्ष्मी पूजा की प्रथा पर सवाल उठाए हैं। मौर्य का कहना है कि देवी लक्ष्मी की पूजा करना केवल परंपरा का हिस्सा है और इससे वास्तविक आर्थिक सुधार या समृद्धि नहीं आती। उन्होंने कहा, “अगर पूजा करने से सचमुच धन मिलता, तो भारत दुनिया के गरीब देशों में शामिल नहीं होता, जहां आज भी 80 करोड़ लोग गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं।”
पूर्व मंत्री ने यह भी पूछा कि क्या इस पूजा का लाखों लोगों के जीवन पर कोई प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि जिनके पास रोजमर्रा का गुजर बसर करने के लिए सिर्फ 5-10 किलो चावल है, वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिला पाएंगे या डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर, वकील, आईएएस-आईपीएस अधिकारी या वैज्ञानिक बना पाएंगे। उन्होंने देश में बढ़ती बेरोजगारी पर भी चिंता जताई।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह स्पष्ट किया कि वे पूजा-अर्चना का विरोध नहीं करते, लेकिन उन्होंने लोगों से अपील की कि वे घर की महिलाओं, जो चौबीस घंटे घर की व्यवस्था और सफाई में लगी रहती हैं, उन्हें सम्मान दें। मौर्य ने कहा, “अगर प्रार्थना करनी ही है, तो घर की लक्ष्मी की करें, ताकि घर में सच्ची सुख-समृद्धि बनी रहे।”