गढ़मुक्तेश्वर/ब्रजघाट। कार्तिक गंगा मेला केवल आस्था और स्नान का पर्व नहीं, बल्कि एकता, सांस्कृतिक विरासत और भाईचारे का प्रतीक है — यह बात शुक्रवार को जिले के प्रभारी मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कही। उन्होंने कहा कि यह मेला प्रदेश की पहचान बन चुका है और अब यह विकास एवं स्वदेशी की भावना को भी नया आयाम दे रहा है।
प्रभारी मंत्री ने शुक्रवार को गढ़मुक्तेश्वर कार्तिक गंगा मेले का औपचारिक उद्घाटन फीता काटकर किया और मेला क्षेत्र में की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मेले की प्रसिद्धि अब प्रदेश की सीमाओं से आगे बढ़कर राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
मेले में अब तक लगभग 14 लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं, जबकि प्रशासन को अनुमान है कि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यह संख्या 50 लाख तक पहुंच सकती है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पर्याप्त गंगा घाट तैयार किए गए हैं, साथ ही सफाई, पेयजल, कानून व्यवस्था और पार्किंग की विशेष व्यवस्था की गई है।
उद्घाटन कार्यक्रम में भाजपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र शिशौदिया, जिलाध्यक्ष नरेश तोमर, सांसद कंवर सिंह तंवर, विधायक हरेंद्र सिंह तेवतिया, जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा नागर हुण और एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।
वहीं, ब्रजघाट गंगा मेले का शुभारंभ सांसद कंवर सिंह तंवर ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर विधायक हरेंद्र सिंह तेवतिया, पालिकाध्यक्ष राकेश बजरंगी, ओमप्रकाश पहलवान, दीपक गौड़ और विनय मिश्रा समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। पूजा-अर्चना का कार्य पंडित अमन पांडेय द्वारा संपन्न कराया गया, जिसके साथ दोनों मेलों का विधिवत शुभारंभ हुआ।
प्रशासन ने बताया कि गढ़मुक्तेश्वर में लगभग 30 लाख श्रद्धालुओं और ब्रजघाट में पांच लाख से अधिक भक्तों के कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने की संभावना है। सुरक्षा एवं व्यवस्थाओं को लेकर पुलिस-प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।