बरेली के दंगे मामले में आरोपी मौलाना तौकीर रजा को मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सीजेएम अलका पांडेय की कोर्ट में पेश किया गया। तौकीर रजा फिलहाल फर्रुखाबाद की फतेहगढ़ जेल में बंद हैं और वहीं से वर्चुअली जुड़ गए। बरेली पुलिस ने उन्हें दंगे का मुख्य आरोपी बताया। कोर्ट ने मौलाना तौकीर की न्यायिक हिरासत 14 दिन और बढ़ाते हुए अगली सुनवाई 28 अक्तूबर तय की।
कोतवाल अमित पांडेय के अनुसार, दंगे से जुड़े सभी मुकदमों में तौकीर की रिमांड मंजूर हो चुकी है। कोतवाली में दर्ज मुकदमे में उन्हें मुख्य आरोपी और अन्य दस मामलों में साजिशकर्ता के रूप में नामजद किया गया है। वहीं, सीजेएम कोर्ट में तौकीर के करीबी नदीम, डॉ नफीस, नफीस का बेटा और अनीस सकलैनी को भी पेश किया गया।
26 सितंबर का दंगा
पुलिस के अनुसार, 26 सितंबर को “आई लव मोहम्मद” के समर्थन में इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां के बुलावे पर बड़ी संख्या में लोग जमा हुए। मौलाना तौकीर नदारद रहे, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई। भीड़ ने दुकानों और वाहनों को नुकसान पहुँचाया। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग कर स्थिति नियंत्रण में लाई। इस दौरान 22 पुलिसकर्मी घायल हुए।
दंगे के दिन ही शहर के विभिन्न थानों में 10 मुकदमे दर्ज किए गए। इसके अगले दिन 27 सितंबर को तौकीर रजा को गिरफ्तार कर सुरक्षा कारणों से फतेहगढ़ जेल भेजा गया। अब तक सौ से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें कई तौकीर के करीबी भी शामिल हैं।
अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई
मौलाना तौकीर की गिरफ्तारी के बाद बीडीए और नगर निगम ने आरोपी और उनके सहयोगियों के अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की। बीडीए ने नफीस के बरातघर को ध्वस्त किया। नगर निगम ने तौकीर के करीबी सपा पार्षद के अवैध चार्जिंग स्टेशन को भी हटाया। विद्युत निगम ने बिजली चोरी के आरोप में आठ मुकदमे दर्ज किए। इसके अलावा तौकीर के करीबी के दो बरातघर, एक होटल और फरहत के मकान को सील किया गया, जबकि कई अन्य अवैध संपत्तियों पर भी कार्रवाई की गई।