उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लगातार जारी है। इसी क्रम में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां चारागाह की भूमि पर अवैध रूप से एक पुलिस बूथ का निर्माण कर दिया गया था। हैरानी की बात यह रही कि इस अवैध निर्माण का उद्घाटन भी पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया, लेकिन बाद में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन को इसे ध्वस्त करना पड़ा।
चारागाह की जमीन पर खड़ा हुआ पुलिस बूथ
जिले में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ के निर्देश पर सभी थाना क्षेत्रों के प्रमुख बाज़ारों में पुलिस बूथ स्थापित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में जफराबाद क्षेत्र के सेवई नाला गांव में भी एक बूथ बनाया गया। हालांकि, यह निर्माण भूमि राजस्व अभिलेखों में चारागाह के रूप में दर्ज ज़मीन पर हुआ था। निर्माण पूर्ण होने के बाद इसका उद्घाटन सीओ सिटी देवेश सिंह ने किया और बूथ पर दो हेड कांस्टेबल सहित हल्का प्रभारी की ड्यूटी भी लगा दी गई थी।
हाईकोर्ट के निर्देश पर चला बुलडोजर
स्थानीय निवासी राम बुझारत यादव द्वारा इस अवैध निर्माण को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अदालत से निर्देश मिलने के बाद शुक्रवार को तहसीलदार सदर सौरभ कुमार, नायब तहसीलदार महेंद्र कुमार और जफराबाद थाना प्रभारी विश्वनाथ प्रताप सिंह की निगरानी में जेसीबी मशीन की मदद से पुलिस बूथ को ध्वस्त किया गया।
एसपी ने स्वीकार की गलती
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश का पूरी तरह पालन किया गया है। उन्होंने स्वीकार किया कि चारागाह की भूमि पर पुलिस बूथ का निर्माण गलती से हुआ और उसे हटाकर जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कर दिया गया है। एसपी ने स्पष्ट किया कि प्रशासन भविष्य में इस तरह की त्रुटियों से बचने के लिए आवश्यक सतर्कता बरतेगा।