उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन, मंगलवार को फतेहपुर में हाल ही में हुई घटना पर विपक्ष के सवालों के बीच वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार और उसके किसी भी विभाग का इस मामले में कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के आरोप बिना आधार के हैं और सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जो भी व्यक्ति कानून हाथ में लेने की कोशिश करेगा, उसे सख्त सजा दी जाएगी।
फतेहपुर में हुई घटना के संदर्भ में मंत्री ने बताया कि 11 अगस्त को कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसमें 10 नामजद आरोपियों के साथ-साथ 150 अज्ञात व्यक्तियों को भी शामिल किया गया है। इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है, जिनमें धारा 190, 191(2), 191(3), 301, 196, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की धारा-7 और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 2 एवं 3 शामिल हैं। ये धाराएं सरकार की इस घटना को गंभीरता से लेने का संकेत हैं और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
सुरेश खन्ना ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है और जो कोई भी कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेने का प्रयास करेगा, उसे न्यायिक प्रक्रिया के तहत दंडित किया जाएगा। सरकार की प्राथमिकता हर हाल में कानून-व्यवस्था बनाए रखना है और अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष इस मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहा है, जबकि पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। उन हिंदूवादी नेताओं के प्रयासों के बावजूद जो पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, सरकार कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। क्षेत्र में 10 थानों की पुलिस फोर्स, दो कंपनी पीएसी और प्रशासन की पूरी टीम तैनात कर दी गई है। कुल 10 नामजद और 160 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनों पक्षों से बातचीत के जरिए माहौल सामान्य करने का प्रयास जारी है, और सरकार का कहना है कि स्थिति स्थिर होने के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी।