लखीमपुर खीरी। विश्व प्रसिद्ध दुधवा नेशनल पार्क शनिवार को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने पूजा-अर्चना के बाद पर्यटन सत्र का विधिवत शुभारंभ किया। इस मौके पर पहले दिन आए पर्यटकों को निशुल्क जंगल सफारी का आनंद लेने का अवसर मिला। इस बार पर्यटन सत्र की शुरुआत सामान्य से 14 दिन पहले हुई है, जो 15 जून 2026 तक जारी रहेगा।
वन मंत्री ने पार्क गेट पर आयोजित कार्यक्रम में फीता काटकर उद्घाटन किया और पहली सफारी पर जाने वाले वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने मौके पर मौजूद राजकीय हाथी को फल खिलाकर सैलानियों का स्वागत भी किया। इस अवसर पर विधायक रोमी साहनी, प्रमुख सचिव अनिल कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी, डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा
वन मंत्री ने बताया कि इस वर्ष दुधवा को एक नवंबर से खोलने का निर्णय मुख्यमंत्री के निर्देश पर लिया गया है ताकि दिवाली पर आने वाले पर्यटकों को खास अनुभव मिले। उन्होंने कहा कि पार्क में सैलानियों की सुविधा के लिए कई नई व्यवस्थाएं और रूट जोड़े जा रहे हैं। अब सैलानी ऑनलाइन बुकिंग के जरिए आसानी से जंगल सफारी का आनंद ले सकते हैं।
नए रूट और सुरक्षा इंतज़ाम
वन मंत्री ने बताया कि इस बार कतर्निया घाट के निशानगढ़ और पार्क के 63 नंबर रूट को भी पर्यटन के लिए खोला जाएगा। पार्क प्रशासन ने गाइडों को विशेष प्रशिक्षण दिया है ताकि वे सैलानियों को दुधवा के इतिहास, वन्यजीवों और जैव विविधता से परिचित करा सकें। साथ ही प्लास्टिक और पॉलीथिन के प्रयोग पर सख्त पाबंदी लगाई गई है। प्रत्येक वाहन में फर्स्ट एड बॉक्स रखना भी अनिवार्य किया गया है।
वन्यजीव और जैव विविधता का खज़ाना
दुधवा अपनी जैव विविधता और दुर्लभ वन्यजीवों के लिए जाना जाता है। यहां लगभग 450 से अधिक प्रजातियों के पक्षी और हिरनों की पांच प्रजातियां (चीतल, सांभर, काकड़, पाढ़ा और बारहसिंघा) पाई जाती हैं। इसके अलावा बाघ, तेंदुआ, भालू, सेही, मगरमच्छ और घड़ियाल भी यहां के आकर्षण हैं। साल, जामुन, खैर और बहेड़ा जैसे पेड़ों के साथ यह क्षेत्र औषधीय पौधों से भरपूर है।
ऐसे पहुंचें दुधवा
दुधवा लखनऊ से सड़क मार्ग से सीतापुर, लखीमपुर और पलिया होकर पहुँचा जा सकता है। शाहजहांपुर और बरेली से भी सड़क मार्ग से कनेक्टिविटी है। सबसे नजदीकी हवाई अड्डा लखनऊ एयरपोर्ट (238 किमी) है, जहाँ से निजी वाहन या टैक्सी से पार्क पहुंचा जा सकता है।
दुधवा का यह नया पर्यटन सत्र न केवल सैलानियों के लिए प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव देगा, बल्कि प्रदेश में इको-टूरिज्म को भी नई दिशा प्रदान करेगा।